Move to Jagran APP

भागवत ने फिर दिया विवादित बयान, बोले-भारत एक हिंदू राष्ट्र

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को फिर कहा कि भारत की पहचान हिंदू राष्ट्र की है। वह विश्व हिंदू परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले भागवत ने ओड़िशा के एक कार्यक्रम में भारत को हिंदू राष्ट्र बताया था। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रविवार को

By Edited By: Updated: Mon, 18 Aug 2014 07:25 AM (IST)
Hero Image

राज्य ब्यूरो, मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को फिर कहा कि भारत की पहचान हिंदू राष्ट्र की है। वह विश्व हिंदू परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले भागवत ने ओडिशा के एक कार्यक्रम में भारत को हिंदू राष्ट्र बताया था।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रविवार को अपने स्वर्ण जयंती समारोह के मंच पर लगभग सभी भारतीय पंथों के संतों को बुलाकार यह संदेश देने का प्रयास किया कि भारत में प्रचलित सिख, बौद्ध और जैन आदि पंथ भी सनानत हिंदू परंपरा के ही अंग हैं।

इसी बात को स्पष्ट करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि भारत के जिन प्राचीन मूल्यों के आधार पर सारे संप्रदाय कार्य करते हैं वे समान हैं। इन प्राचीन मूल्यों को देखकर सारी दुनिया कहती है कि आप हिंदू हैं क्योंकि उन मूल्यों को हिंदू मूल्यों के रूप में ही पहचाना जाता है। हिंदू राष्ट्र की पहचान बताते हुए भागवत ने कहा कि हिंदुत्व में अनेक पंथ-संप्रदाय हैं और उसमें इतनी ताकत भी है कि वह कई और पंथों-संप्रदायों को हजम कर सकती है।

हालांकि विहिप ने अगले 50 वर्ष के एजेंडे में देश से छुआछूत मिटाने को प्राथमिकता पर रखा है लेकिन उसे पहचान दिलाने वाले राम जन्मभूमि आंदोलन को भी वह भूली नहीं है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि हिंदू समाज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाकर ही रहेगा। हालांकि, राममंदिर निर्माण के लिए किसी निर्धारित अवधि की चर्चा को समारोह से दूर ही रखा गया।

गौरतलब है कि विहिप की स्थापना 50 वर्ष पहले जन्माष्टमी के दिन ही मुंबई के सांदीपनी साधनालय में हुई थी।

पढ़ें: भागवत के बयान पर बवाल

पढ़ें: भारत को हिंदू राष्ट्र बनाएंगे मोदी