हिंदुस्तान भगवान राम की धरती: कुरैशी
उत्तराखंड से मिजोरम के लिए स्थानांतरित राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी ने हिंदुस्तान को भगवान राम की धरती बताया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के पैगंबर ने भी हिंदुस्तान को भगवान राम की धरती बताया है।
जागरण ब्यूरो [देहरादून]। उत्तराखंड से मिजोरम के लिए स्थानांतरित राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी ने हिंदुस्तान को भगवान राम की धरती बताया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के पैगंबर ने भी हिंदुस्तान को भगवान राम की धरती बताया है।
डॉ. कुरैशी ने कहा कि भगवान राम का वजूद मनवाने के लिए किसी के आदेश की जरूरत नहीं है। विश्व में वे बदनसीब व्यक्ति हैं जो भगवान राम के वजूद को नहीं मानते हैं। भगवान राम के आदर्शो के अनुरूप अगर समाज बने, तभी विश्व कल्याण संभव है। राज्यपाल ने यह बात हरिद्वार के प्रेमनगर आश्रम में आयोजित कार्यक्रम और उसके बाद राजभवन में पत्रकारों से बातचीत में कही।
हरिद्वार में श्री दक्षिण कालीपीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी के जन्मोत्सव कार्यक्रम में राज्यपाल डॉ. कुरैशी का दर्द छलक पड़ा। अजीज कुरैशी ने कहा कि उत्तराखंड के लिए उनकी कई योजनाएं थीं, लेकिन उन योजनाओं को धरातल पर उतारने के ख्वाब पूरे नहीं हो सके।
इस पर अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा कि वे मिजोरम में जाकर गाय, गंगा व हिमालय के लिए काम करेंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राज्यपाल डॉ. कुरैशी ने कहा कि चारधाम के विकास तथा इन चारों धामों को वेद धाम बनाने का उनका प्रमुख ख्वाब था।
देव भूमि उत्तराखंड के इन धामों से ही गंगा, यमुना निकल रही है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में घंटियों की आवाज तथा शंख की गूंज गंगा-यमुना की जलधारा में गीत-संगीत घोल रही है। जल धारा की इसी आवाज से विश्व में मानवता, प्रेम, भाईचारे का संदेश पहुंच रहा है। यही संदेश चार वेद देते हैं। अगर वैदिक मान्यताओं पर चला जाए तो दुनिया में कहीं पर भी दंगे-फसाद न हों।
तबादला बदले की कार्रवाई नहीं
मिजोरम स्थानांतरित किए गए राज्यपाल डा अजीज कुरैशी को उबराखंड में कार्यकाल पूरा नहीं होने का मलाल है। अपने तबादले को बदले की कार्रवाई मानने से इन्कार करने के बावजूद दर्द उनकी जुबां पर आ ही गया। उन्होंने कहा कि उनके साथ क्या हुआ, यह जनता की अदालत तय करेगी।
कांग्रेस पृष्ठभूमि के राज्यपाल डॉ कुरैशी ने अपने ढाई साल के कार्यकाल में प्रदेश की कांग्रेस सरकार को पास तो किया, लेकिन अच्छे अंक नहीं दिए। उन्होंने कहा कि उनके रहते राजभवन के दरवाजे खासोआम सभी के लिए खुले रहे। किसी पर कोई टोल टैक्स नहीं लगा। केंद्र सरकार के बीती 30 दिसंबर को मिजोरम स्थानांतरित करने के फरमान के बाद राज्यपाल डा अजीज कुरैशी नए वर्ष के पहले दिन पत्रकारों के समक्ष अपनी चुप्पी तोड़ी।
नए वर्ष के मौके पर बधाइयों के आदान-प्रदान के लिए गुरुवार शाम राजभवन को आम लोगों के लिए खुला रखा गया था। पत्रकारों के सवालों के जवाब में डा कुरैशी ने अपने तबादले को केंद्र सरकार की ओर से बदले की कार्रवाई मानने से इन्कार किया।