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तालिबान का अगला निशाना हो सकता है भारत

युद्ध से तबाह अफगानिस्तान की सत्ता पर यदि तालिबान जैसे आतंकी समूह काबिज होने में सफल हो जाते हैं तो भारत उनका अगला निशाना होगा। देश के पूर्व राष्ट्रीय सलाहकार एमके नारायणन ने सोमवार को यहां यह बात कही। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नारायण ने यह भी कहा कि भारत के लिए खासकर चिंता की बात यह है कि पाकिस्

By Edited By: Updated: Mon, 20 Jan 2014 09:24 PM (IST)
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नई दिल्ली। युद्ध से तबाह अफगानिस्तान की सत्ता पर यदि तालिबान जैसे आतंकी समूह काबिज होने में सफल हो जाते हैं तो भारत उनका अगला निशाना होगा। देश के पूर्व राष्ट्रीय सलाहकार एमके नारायणन ने सोमवार को यहां यह बात कही।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नारायण ने यह भी कहा कि भारत के लिए खासकर चिंता की बात यह है कि पाकिस्तान जरा भी उच्च जोखिम वाली रणनीतियों से परहेज करने में रुचि नहीं ले रहा है। ऐसा लगता है कि वह भारत को अस्थिर करने के लिए रणनीतिक रूप से सहायक तथाकथित जिहादी तत्वों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।

नारायणन ने कहा कि भारत की स्थिति इस पर निर्भर करती है कि अस्थिर और मुश्किल पड़ोसी के यहां कैसी स्थिति रहती है। आतंकियों की ओर से किस तरह खतरा पेश किया जा रहा है यह देखना आसान है। ऐसे अधिकांश खतरे देश की सीमाओं के बाहर से उत्पन्न हुए।

नारायणन ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआइए) दिवस पर आयोजित पहले राधा विनोद राजू स्मारक व्याख्यान में यह बात कही। राजू एनआइए के पहले निदेशक थे। वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद एनआइए की स्थापना हुई। नारायणन खुद भी खुफिया ब्यूरो (आइबी) के प्रमुख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों कमजोर देश हैं जहां अनगिनत आतंकी गुटों की मौजूदगी भारत के लिए सीधा खतरा है।

दोनों देशों में तालिबान आतंकवाद के खुद शांत होने के कोई संकेत नहीं हैं। बुनियादी कमजोरी वहां के प्रशासन की है। वहां का प्रशासन तालिबान सहित आतंकी गुटों को वे जो चाहें करने देता है। यदि आतंकी वहां सफल हो जाते हैं तो भारत उनके अगला निशाना है।

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