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सार्क देशों को पावर ग्रिड बनाने की मुफ्त तकनीकी सहायता देगा भारत

भारत सार्क देशों को पावर अपने यहां पावर ग्रिड लगाने के लिए मुफ्त में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएग। इसकी जानकारी खुद उर्जा मंत्री पियूष गोयल ने दी है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 18 Apr 2016 08:40 PM (IST)
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नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। बिजली क्षेत्र में अपनी तकनीकी कुशलता को साझा करने के उद्देश्य से भारत ने ऐलान किया है कि वह दक्षिण एशियाई देशों को ग्रिड लगाने के काम में न सिर्फ मदद करेगा बल्कि हर तरह की तकनीकी विशेषज्ञता पूरी तरह से मुफ्त में देगी। इस बात का ऐलान बिजली, कोयला व अपारंपरिक ऊर्जा स्रोत मंत्री पीयूष गोयल ने यहां किया।

उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों के साथ ही अन्य कम विकसित देशों को भी बिजली ग्रिड लगाने में मुफ्त सहयोग देने को तैयार है। गोयल का यह ऐलान इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दक्षिण एशियाई देशों के बिजली मंत्रियों की बैठक जल्द ही होने वाली है जिसमें सभी सदस्य देशों के ग्रिड को आपस में जोड़ने के काम को आगे बढ़ाया जाएगा। पिछले वर्ष इस बारे में समझौता हुआ था लेकिन पाकिस्तान उसमें शामिल नहीं हुआ था।

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गोयल को आज गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत से बनने वाली बिजली को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ने के भावी रोडमैप पर रिपोर्ट भी सौंपी गई। इस रिपोर्ट में सरकार को 15 सूत्रीय कार्यक्रम का सुझाव दिया गया है जिसके आधार पर सौर, पवन व अन्य स्रोतों से बनने वाली ऊर्जा को बगैर किसी परेशानी के राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ा जा सकेगा।

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सरकार ने वर्ष 2022 तक गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से 1.75 लाख मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा है और उसे देखते हुए 15 सूत्रीय कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम को लागू करने में केंद्रीय बिजली नियामक आयोग की भूमिका काफी अहम होगी। यह कार्यक्रम सही मायने में सौर ऊर्जा की बड़ी परियोजनाओं का फायदा सीधे आम जनता को मिल सकेगा।

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