पाइपलाइन के जरिए भारत बांग्लादेश को बेचेगा डीजल और पेट्रोल
भारत बांग्लादेश को पाइपलाइन के जरिए पेट्रोलियम उत्पाद (डीजल व पेट्रोल) बेचेगा। इसको लेकर आज हुई बैठक में काफी कुछ सफलता मिल गई है।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। एक दशक पहले भारत ने बांग्लादेश से गैस खरीदने के लिए नई पाइपलाइन बिछाने की तमाम कूटनीतिक कोशिश की थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब दोनों देशों के बीच एक नई पाइपलाइन बनने के आसार मजबूत हो गये हैैं। अंतर यह है कि इस बार पाइपलाइन भारत से बांग्लादेश को जाएगी और इसमें गैस नहीं बल्कि तैयार पेट्रोलियम उत्पाद (डीजल व पेट्रोल) पड़ोसी देश को भेजे जाएंगे। बांग्लादेश की यात्रा पर गये पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात के दौरान इस पाइपलाइन से जुड़े तमाम मुद्दों पर बात की।
तापी पाइपलाइन के लिए निवेश समझौता
प्रधान की बैठक बाद में पीएम हसीना के ऊर्जा सलाहकार डॉ. तौफीक-ए-इलाही से भी अलग से मुलाकात हुई जिसमें दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को लेकर आगे का रोडमैप बनाया गया। पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पड़ोसी देशों को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति करने के लिए भारत की तरफ से बनाई जा रही है यह दूसरी तेल पाइपलाइन होगी। इसके अलावा भारत नेपाल के लिए भी बिहार के रक्सौल से नेपाल के अमेलखगंज के बीच पाइपलाइन बिछा रहा है।
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भारत और पाकिस्तान के बीच भी एक पेट्रोलियम पाइपलाइन बिछाने की बात हुई थी लेकिन पाक की हठधर्मिता की वजह से इस पर फिलहाल कोई बात नहीं हो रही है। दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता का दौर नए सिरे से शुरु होने के बाद इस पर दोबारा बात की जा सकती है। वैसे इसमें कोई दो राय नहीं है कि सबसे पहले के भारत-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन पर काम पूरा होगा। इसकी कुल लंबाई 130 किलोमीटर होगी और यह सिलीगुड़ी (भारत) से पार्बतीपुर (बांग्लादेश) के बीच बिछाई जाएगी। इससे पड़ोसी देश में रिफाइन पेट्रोलियम उत्पादों की किल्लत को काफी हद तक दूर होगी।
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बताते चलें कि भारत व बांग्लादेश के बीच ऊर्जा सहयोग को लेकर रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैैं। त्रिपुरा स्थिति गैस आधारित बिजली प्रोजेक्ट से न सिर्फ बांग्लादेश को बिजली दी जा रही है बल्कि भारत ने इसे ट्रेन से पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति भी शुरु कर दी है। माना जा रहा है कि तेज आर्थिक विकास की वजह से निकट भविष्य में बांग्लादेश भारत से पेट्रोल, डीजल व अन्य रिफाइन उत्पाद खरीदने वाला एक अहम देश हो जाएगा।