रूस को पाक की तरफ नहीं जाने देगा भारत
भारत इस समझौते से सतर्क है और यही वजह है कि वह रूस के साथ अपने रिश्तों को नए परिप्रेक्ष्य में देखने व उसी हिसाब से कदम उठाने के लिए तैयार है।
नई दिल्ली[जयप्रकाश रंजन]। आजादी के बाद अभी तक के अपने सबसे विश्वस्त मित्र देश का अपने सबसे धुर विरोधी देश के साथ बढ़ती दोस्ती को कोई देश किस तरह से लेगा? बात भारत के संदर्भ में रूस और पाकिस्तान के बीच हाल ही में सैन्य अभ्यास करने संबंधी समझौते की हो रही है।
भारत इस समझौते से सतर्क है और यही वजह है कि वह रूस के साथ अपने रिश्तों को नए परिप्रेक्ष्य में देखने व उसी हिसाब से कदम उठाने के लिए तैयार है। रूस के साथ रक्षा व रणनीतिक समझौतों को लेकर अब ज्यादा देर नहीं की जाएगी। अगले महीने भारत की यात्रा पर आ रहे रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के साथ पीएम नरेंद्र मोदी जब द्विपक्षीय बैठक के लिए मिलेंगे तो उनके बीच बैठक में कई अहम रणनीतिक समझौते होने की तैयारी है।पुतिन अगले महीने भारत ब्रिक्स देशों की बैठक में भाग लेने के लिए यहां आएंगे लेकिन इस दौरान भारत व रूस के बीच होने वाली सालाना सहयोग बैठक भी होगी। दोनों देश मोदी और पुतिन की इस बैठक की तैयारियों में पिछले एक महीने से जुटे हैं।
मंगलवार को रूस के उप प्रधानमंत्री और रूस के सैन्य औद्योगिक आयोग के उप-प्रमुख दिमित्री रोगोजिन और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगुवाई में दोनो देशों के बीच गठित अंतर-मंत्रालयीय आयोग की बैठक हुई है। रोगोजिन की पिछले एक महीने के दौरान यह भारत की दूसरी यात्रा है। पिछले महीने अगस्त में भी वह भारत आए थे और रक्षा सहयोग पर उनकी अहम बातचीत हुई थी।सूत्रों के मुताबिक भारत लगातार स्पष्ट करता रहा है कि अमेरिका के साथ उसके रणनीतिक व रक्षा सहयोग को लेकर जो समझौते हो रहे हैं, वह किसी भी तरह से रूस के साथ उसके दशकों पुराने व मजबूत रिश्तों को कमतर नहीं करेंगे।
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मोदी ने अगस्त, 2016 की शुरुआत में पुतिन के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई बातचीत में रूस की अहमियत को बताया था। इसके पहले दिसंबर, 2015 में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत में यह तय हुआ था कि वे द्विपक्षीय रिश्तों को बदलते वैश्विक परिवेश के मुताबिक ज्यादा से ज्यादा प्रासंगिक बनाने और एक दूसरे के हितों के मुताबिक ढालने की कोशिश करेंगे। अगले महीने होने वाली मोदी और पुतिन की शीर्षस्तरीय बैठक में एस-400 मिसाइलों की खरीद को लेकर अंतिम फैसला होने के आसार हैं।
इसके अलावा युद्ध क्षेत्र में बखूबी इस्तेमाल होने वाले रूस के आइएल-112 जहाज की खरीद को लेकर भी बातचीत आगे बढ़ेगी। रूस के उप पीएम रोगोजीन ने इसके बारे में स्वयं पीएम मोदी को इसके बारे में बताया कि उनका देश भारत की जरूरत के हिसाब से इस जहाज में कई बदलाव करने को तैयार है। इसके अलावा रूस की मदद से लगाये जाने वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को लेकर भी अहम बातचीत हो चुकी है।
इस बारे में दोनों देशों के बीच नए सिरे से परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौता किया जाएगा।रूस ने हाल के दिनों में भारत के दोनों कट्टर विरोधी देशों के साथ सैन्य सहयोग को मजबूत करना शुरू किया है। रूस और चीन ने इस हफ्ते ही दक्षिण सागर चीन में संयुक्त सैन्य अभ्यास करना शुरू किया है। जबकि पाकिस्तान के साथ इस वर्ष के अंत में सैन्य अभ्यास करने का समझौता किया है। अमेरिका से युद्धक विमान नहीं मिलते देख पाकिस्तान ने रूस से युद्धक विमान खरीदने की मंशा भी जताई है। भारत की तरफ से ये मुद्दे पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में उठाये जाने के आसार हैं।
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