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सीमा विवाद को रणनीतिक लक्ष्य बना सुलझाएंगे भारत-चीन

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत और चीन के बीच दोस्ती की नई इबारत लिखने आए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग पुराने सीमा विवाद की छाया में हुए कई कारोबारी समझौतों की सौगात लेकर लौट गए। उनकी यात्रा के बाद दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी कर सीमा विवाद को रिश्तों में 'रणनीतिक लक्ष्य' बनाते हुए जल्द सुलझाने का संकल्प जताया। साथ ही सीमा पर शांति

By Edited By: Updated: Fri, 19 Sep 2014 08:33 PM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत और चीन के बीच दोस्ती की नई इबारत लिखने आए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग पुराने सीमा विवाद की छाया में हुए कई कारोबारी समझौतों की सौगात लेकर लौट गए। उनकी यात्रा के बाद दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी कर सीमा विवाद को रिश्तों में 'रणनीतिक लक्ष्य' बनाते हुए जल्द सुलझाने का संकल्प जताया। साथ ही सीमा पर शांति को द्विपक्षीय संबंधों में बढ़ोतरी की गारंटी भी करार दिया। आपसी संवाद बढ़ाने के लिए दोनों मुल्क इस साल पहली बार समुद्री सुरक्षा पर भी वार्ता करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच गुरुवार को हुई वार्ता के बाद 28 बिंदुओं वाले साझा बयान में दोनों देशों ने राजनीतिक संवाद संपर्क बढ़ाने और आर्थिक साझेदारी की कोशिशों को सीमा-विवाद के मामले पर ऊपर रखा है। संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, दोनों देशों ने रणनीतिक लक्ष्य मानते हुए सीमा विवाद को सुलझाने की बात की। लद्दाख के चुमार क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बीच हुई चीनी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान बातचीत की मेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर भारत के एतराज को स्पष्ट रूप से दर्ज कराया था।

हालिया घटनाओं पर भारतीय रुख के मद्देनजर संयुक्त बयान में माना गया कि भारत-चीन सीमा क्षेत्र में शांति ही दोनों देशों के रिश्तों में बढ़ोतरी की गारंटी है। सीमा मामले के सुलझने तक दोनों पक्ष शांति बनाए रखने के लिए साझा प्रयास करेंगे। सीमा मामले पर तर्कसंगत और आपसी सहमति वाला समाधान तलाशेंगे। समाधान के लिए दोनों पक्षों ने 2005 में तय हुई राजनीतिक दिशा-निर्देशों पर ही आगे बढ़ने की बात भी दोहराई।

भारत और चीन आपसी विश्वास वृद्धि के लिए रक्षा व सैन्य नेतृत्व के बीच आपसी मुलाकातों के साथ ही संयुक्त सैन्य अभ्यास भी बढ़ाएंगे। संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, इस कड़ी में दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग के लिए पहली द्विपक्षीय वार्ता आयोजित की जाएगी।

दुनिया के दो सबसे बड़ी आबादी वाले पड़ोसी मुल्कों ने पारस्परिक सह अस्तित्व के पंचशील सिद्धांत के आधार पर सभी लंबित मुद्दों के समाधान का भी भरोसा जताया। उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच साढ़े चार हजार किमी की सीमा अनिर्णित है जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा कहा जाता है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर भी अपना दावा जताता है।

सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर वार्ता के अभी तक 17 दौर हो चुके हैं। हालांकि 2003 से जारी इस कवायद में कोई नतीजा नहीं निकल सका है।

भारत का तीन दिनी दौरा खत्म कर वापस लौटे चीनी राष्ट्रपति ने भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश आने का न्योता दिया। चिनफिंग के न्योते को भारतीय पक्ष ने जल्द यात्रा की बात कही।

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