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केरल से चीन को टक्कर देने की तैयारी, बनेगा देश का पहला ट्रांसशिपमेंट पोर्ट

भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी ने इस प्रोजेक्ट की केरल में बुनियाद भी रख दी है। केरल के विहिंगम में ट्रांसशिपमेंट पोर्ट का निर्माण होगा।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Thu, 28 Jul 2016 04:36 PM (IST)
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नई दिल्ली। 25 साल पहले की गई देश के पहले ट्रांसशिपमेंट पोर्ट की कल्पना अब हकीकत में बदलने वाली है। भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी ने इस प्रोजेक्ट की केरल में बुनियाद भी रख दी है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार अडानी समूह को इस प्रोजेक्ट में हुई देरी के बाद ''वायबिलिटी गैप'' भरने के लिए 16 बिलियन डॉलर की रकम भी अदा करेगी। इस बहुप्रतिक्षित बंदरगाह का निर्माण प्राचीन प्राकृतिक बंदरगाह के नाम से पहचाने जाने वाले केरल के विहिंगम में होगा।

भारत सरकार इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए इस बंदरगाह के समीप 27 हजार करोड़ रुपए की लागत से शिपिंग हब भी बनाएगी। विहिंग में बंदरगाह के शुरू हो जाने के बाद केंद्र सरकार केरल के पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के इनायम में बंदरगाह बनाना शुरू कर देगी। जहाजरानी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनायम में बंदरगाह के निर्माण के बाद भारतीय कंपनियों का 200 मिलियन डॉलर बच सकेगा।

अधिकारी ने कहा कि 7500 किमी. की लंबाई में फैली भारत की समुद्री सीमा विश्व के मुख्य-मुख्य समुद्री रास्ते से होकर गुजरती है। इसे देखते हुए पीएम मोदी बंदरगाहों के निर्माण को प्रमुखता दे रहे हैं। भारत सरकार को उम्मीद है कि बंदरगाहों के निर्माण के बाद 2021 कार्गो यातायात को दो तिहाई तक बढ़ाया जा सकता है। इससे एक लाभ यह भी होगा कि भारत दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को कम कर पाएगा।

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