शोपियां व कुपवाड़ा में सेना ने मार गिराए दो आतंकी
मारे गए आतंकियों में एक हिजबुल मुजाहिदीन का स्थानीय आतंकी है, जबकि दूसरा लश्कर का विदेशी आतंकी है
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Tue, 17 May 2016 08:24 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने आतंकरोधी अभियान को जारी रखते हुए शोपियां व कुपवाड़ा में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में दो आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकियों में एक हिजबुल मुजाहिदीन का स्थानीय आतंकी है, जबकि दूसरा लश्कर का विदेशी आतंकी है। आतंकियों के साथियों को पकडऩे के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। सोमवार देर रात सेना और राज्य पुलिस के एक संयुक्त कार्यदल ने दक्षिण कश्मीर के पहलीपोरा (शोपियां) में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया। सुरक्षाबलों ने गांव में आतंकियों के ठिकाने की घेराबंदी शुरू कर दी। इसी बीच, आतंकियों ने भागने का प्रयास करते हुए फायरिंग शुरू कर दी।
जवानों ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया। उसके बाद वहां मुठभेड़ शुरू हो गई, जो मंगलवार सुबह करीब पांच बजे समाप्त हुई। आतंकियों की तरफ से गोलियों की बौछार बंद होने पर जवानों ने मुठभेड़ स्थल की तलाशी ली तो उन्हें वहां गोलियों से छलनी एक आतंकी का शव मिला। मारे गए आतंकी की पहचान निकटवर्ती नाजनीनपोरा गांव के रहने वाले फारूक अहमद शेख के रूप में हुई है। उसके पास से एक एसाल्ट राइफल व अन्य गोलाबारूद मिला है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि फारूक अहमद के अन्य साथियों को पकडऩे के लिए पहलीपोरा के विभिन्न हिस्सों में तलाशी अभियान जारी है, लेकिन सूत्रों ने दावा किया है कि घेराबंदी शुरू होते ही फारूक के दो अन्य साथी भाग निकले थे। इसी दौरान, उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटे जिला कुपवाड़ा से मिली सूचनाओं के अनुसार, सोमवार को सेना व राज्य पुलिस ने तीन आतंकियों को देखे जाने की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया था। लोलाब, मारसरी और जूनरेशी इलाके में चलाए गए इस अभियान में सुबह करीब पांच बजे जवानों को सफलता मिली। उन्होंने तीन आतंकियों को जूनरेशी के जंगल में पहाड़ी की तरफ जाते देखा। जवानों ने उन्हें घेर लिया। आतंकियों ने जवानों को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद वहां मुठभेड़ शुरू हो गई, जो करीब एक घंटे तक जारी रही। इस दौरान एक आतंकी मारा गया, लेकिन उसके दो अन्य साथी भागने में कामयाब रहे। उनकी धरपकड़ के लिए सेना के जवानों ने तलाशी अभियान चला रखा है। मारे गए आतंकी की तत्काल पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन उसके पास से मिले हथियारों व दस्तावेजों से उसके लश्कर से संबंधित होने और पाकिस्तान का निवासी होने का पता चला है। हालांकि आधिकारिक तौर पर पुष्टिï नहीं हुई है, लेकिन संबंधित सूत्रों ने बताया कि मारे गए आतंकी ने गत माह अपने छह साथियों के साथ भारतीय इलाके में घुसपैठ की थी।
दो बच्चों का बाप था फारूक
पहलीपोरा में मारा गया हिज्ब आतंकी फारूक अहमद शेख दो वर्ष पहले ही हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। वह दक्षिण कश्मीर में हिज्ब के नामी आतंकियों में एक था। नाजनीनपोरा का रहने वाले फारूक शादीशुदा था। उसके परिवार में उसके मां-बाप और पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं। उसका बड़ा बेटा उजैर चौथी कक्षा का छात्र है और उसके दिल में छेद है, जबकि छोटी बेटी तीन साल की है। उसकी मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में तनाव पैदा हो गया। लोग सुरक्षाबलों के खिलाफ और आजादी के हक में नारेबाजी करते हुए अपने घरों से बाहर निकल आए। पूरे इलाके में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान व दुकानें बंद हो गईं। उसे दोपहर बाद नाजनीनपोरा के कब्रिस्तान में दफनाया गया। उसके जनाजे में जिहाद व कश्मीर की आजादी के समर्थन में नारेबाजी के साथ देश विरोधी नारे भी गूंजे।
दो बच्चों का बाप था फारूक
पहलीपोरा में मारा गया हिज्ब आतंकी फारूक अहमद शेख दो वर्ष पहले ही हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था। वह दक्षिण कश्मीर में हिज्ब के नामी आतंकियों में एक था। नाजनीनपोरा का रहने वाले फारूक शादीशुदा था। उसके परिवार में उसके मां-बाप और पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं। उसका बड़ा बेटा उजैर चौथी कक्षा का छात्र है और उसके दिल में छेद है, जबकि छोटी बेटी तीन साल की है। उसकी मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में तनाव पैदा हो गया। लोग सुरक्षाबलों के खिलाफ और आजादी के हक में नारेबाजी करते हुए अपने घरों से बाहर निकल आए। पूरे इलाके में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान व दुकानें बंद हो गईं। उसे दोपहर बाद नाजनीनपोरा के कब्रिस्तान में दफनाया गया। उसके जनाजे में जिहाद व कश्मीर की आजादी के समर्थन में नारेबाजी के साथ देश विरोधी नारे भी गूंजे।
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