कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भले ही बोधगया धमाकों की साजिश के लिए भाजपा की ओर इशारा कर रहे हों, लेकिन गृह मंत्रालय का संदेह इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) पर ही है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि हमारे पास पहले से जानकारी थी कि आइएम महाबोधि मंदिर में धमाके की योजना बना रहा है और इस पर
By Edited By: Updated: Tue, 09 Jul 2013 05:24 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भले ही बोधगया धमाकों की साजिश के लिए भाजपा की ओर इशारा कर रहे हों, लेकिन गृह मंत्रालय का संदेह इंडियन मुजाहिदीन पर ही है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि हमारे पास पहले से जानकारी थी कि आइएम महाबोधि मंदिर में धमाके की योजना बना रहा है और इस पर संदेह का कोई कारण नहीं है। उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि इस वारदात को अंजाम देने वाले आतंकियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने महाराष्ट्र में कहा कि महाबोधि मंदिर परिसर में 13 बम लगाए गए थे, जिनमें से दस में विस्फोट हुए।
गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक 26 जून को बिहार सरकार को महाबोधि मंदिर में आतंकी हमले की साजिश के बारे में बता दिया गया था। केंद्र की चेतावनी के बाद दो जुलाई को स्थानीय पुलिस और मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा की समीक्षा भी की थी। लेकिन, बाद में पुलिस ने अपनी ओर से सुरक्षा बढ़ाने का कोई कदम नहीं उठाया। अधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार को यह बताना होगा कि आतंकी हमले की जानकारी मिलने के बाद मंदिर की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए थे?
आतंकी हमले के पीछे आइएम का हाथ होने की आशंका जताते हुए उन्होंने कहा, अभी तक हमले में शामिल आतंकियों का सुराग नहीं मिल पाया है। इसके लिए मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। लेकिन, उनसे बहुत मदद नहीं मिल रही। सीसीटीवी फुटेज बहुत धुंधले हैं और वे धमाके की जगहों को कवर नहीं करते। अधिकारी ने आशंका जताई कि आतंकियों को सीसीटीवी कैमरों और उनकी रेंज के बारे में पूरी जानकारी होगी। इसी वजह से वे उनकी जद में आने से बच गए। सुरक्षा एजेंसियां इस गुत्थी को भी नहीं सुलझा पा रहीं कि धमाकों के लिए सुबह साढे़ पांच बजे का वक्त क्यों चुना गया? वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसका उद्देश्य न तो मंदिर परिसर को बहुत नुकसान पहुंचाना था और न ही अधिक-से-अधिक लोगों को निशाना बनाना। जबकि, अभी तक आइएम ने सभी हमले भीड़भाड़ वाले बाजारों, बस स्टैंडों या अदालत परिसर में किए हैं। उनके अनुसार विभिन्न स्थानों पर 13 बम लगाने में आधा दर्जन से ज्यादा आतंकी शामिल रहे होंगे।
सीआइएसएफ को सुरक्षा सौंपने में लगेगा वक्त महाबोधि मंदिर को सीआइएसएफ की सुरक्षा देने की नीतीश कुमार की मांग के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसमें अभी समय लगेगा। उनके अनुसार खुफिया ब्यूरो (आइबी) द्वारा मंदिर पर खतरे के आकलन के आधार पर इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि केंद्रीय अर्धसैनिक बल की सुरक्षा का खर्च राज्य सरकार को वहन करना होगा।
तिहाड़ जेल में बंद आइएम आतंकियों से हुई पूछताछ जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बोधगया में हुए धमाकों के बाद तिहाड़ जेल में बंद आइएम (इंडियन मुजाहिदीन) आतंकियों से भी पूछताछ शुरू हो गई है। गत वर्ष पुणे ब्लास्ट के आरोप में अक्टूबर में पकड़े गए मकबूल, असद खान, इमरान खान, सैयद फिरोज तथा इरफान नामक आतंकियों में तीन तिहाड़ में बंद हैं, जबकि दो महाराष्ट्र की जेल में हैं। खुफिया एजेंसियों समेत दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इनसे पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वारदात को किस समूह ने अंजाम दिया होगा। हालांकि, अधिकारी इस विषय पर कुछ बोलने से बच रहे हैं। बेंगलूर में बंद आतंकी से होगी पूछताछ कोलकाता। कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम अब बेंगलूर की जेल में बंद कमाल उर्फ बिलाल को पूछताछ करने के लिए ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाने वाली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कमाल आइएम का सक्रिय सदस्य है। वह चिन्नास्वामी स्टेडियम में 2009 में हुए बम धमाके का मुख्य आरोपी है, जिसे बेंगलूर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले का रहने वाला है। वहीं बोधगया में विस्फोट मामले के तार बंगाल से भी जुड़े होने का संदेह है। बौद्ध धाम में धमाका होने से एक घंटे पहले राइटर्स बिल्डिंग के निकट से आइएम के संदिग्ध आतंकी अनवर हुसैन को विस्फोटक व जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसियों को उससे कुछ अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है। मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर