प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय मुसलमानों की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। अमेरिकी दौरे से पहले वहां के प्रमुख न्यूज चैनल सीएनएन को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि आतंकी संगठन अलकायदा को यह मुगालता नहीं पालना चाहिए कि भारतीय मुसलमान उसके इशारों पर नाचेंगे। भारतीय मुस्लिम देश के लिए ही जिएंगे और देश के लिए ही मरेंगे।
By Edited By: Updated: Sat, 20 Sep 2014 01:41 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय मुसलमानों की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। अमेरिकी दौरे से पहले वहां के प्रमुख न्यूज चैनल सीएनएन को दिए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि आतंकी संगठन अलकायदा को यह मुगालता नहीं पालना चाहिए कि भारतीय मुसलमान उसके इशारों पर नाचेंगे। भारतीय मुस्लिम देश के लिए ही जिएंगे और देश के लिए ही मरेंगे। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जबकि भाजपा के ही कुछ नेता अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कभी लव जिहाद या दूसरे मसलों पर तीखी बयानबाजी कर रहे हैं।
भारतीय मूल के पत्रकार फरीद जकारिया के अलकायदा की तरफ से हाल में जारी वीडियो के बारे में पूछे गए सवालपर मोदी ने कहा कि 'मेरा मानना है कि वे हमारे देश के मुसलमानों के साथ अन्याय कर रहे हैं। अगर कोई यह सोचता है कि मुसलमान उसके इशारों पर नाचेंगे तो यह उसका भ्रम है। भारत के मुसलमान जान दे देंगे, लेकिन देश के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे। वे भारत के लिए बुरा नहीं सोचेंगे।'
उन्होंने भारतीय मुसलमानों की देशभक्तिके समर्थन में तर्क देते हुए कहा कि पड़ोस में अफगानिस्तान व पाकिस्तान में अलकायदा का खासा असर है। भारत में करीब 17 करोड़ मुसलमान हैं, लेकिन उनमें से अलकायदा के सदस्य न के बराबर हैं।' उन्होंने अलकायदा को मानवता के खिलाफ संकट बताते हुए इसके खिलाफ मिलकर लड़ने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका व भारत के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच उनके इतिहास और संस्कृति के कारण कई समानताएं पाई जाती हैं। मोदी ने कहा कि यदि आप पिछली सदी पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि अमेरिका ने दुनियाभर से आए हुए लोगों को अपनाया है। भारत भी अपने यहां किसी को भी रहने की अनुमति देता है। दुनिया के हर कोने में भारत के लोग रहते हैं। इस बात से भारतीय और अमेरिकी समाज के अंदर पाए जाने वाले सह-अस्तित्व का गुण झलकता है।'
मोदी ने स्वीकार किया कि अतीत में भारत-अमेरिका संबंधों में उतार-चढ़ाव आए हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि 21वीं सदी में भारत और अमेरिका का संबंध नया आकार लेगा। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंधों को दिल्ली और वाशिंगटन तक सीमित नहीं समझना चाहिए। दोनों देश महसूस करते हैं कि उनके संबंध का दायरा व्यापक है। मुझे पूरा भरोसा है कि भारत और अमेरिका मजबूत रणनीतिक गठबंधन बनाएंगे। मोदी इसी माह के आखिरी हफ्ते में अमेरिका जाएंगे। वहां 29-30 को राष्ट्रपति ओबामा के साथ आपसी रिश्तों पर बातचीत करेंगे। इसके पहले न्यूयार्क में एक सभा को संबोधित करेंगे।