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नहीं संभलता देश तो गद्दी छोड़ें पीएम

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के दिलासों के बावजूद रुपये में ऐतिहासिक गिरावट ने सरकार के लिए परेशानी बढ़ा दी है। संसद में फिर से इसकी गूंज सुनाई दे सकती है।

By Edited By: Updated: Thu, 29 Aug 2013 01:35 AM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के दिलासों के बावजूद रुपये में ऐतिहासिक गिरावट ने सरकार के लिए परेशानी बढ़ा दी है। संसद में फिर से इसकी गूंज सुनाई दे सकती है। वहीं, बाहर भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पद छोड़ने की सलाह दे दी है। संप्रग की सहयोगी रह चुकी तृणमूल कांग्रेस ने खाद्य सुरक्षा विधेयक को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया है।

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मंगलवार को अर्थव्यवस्था पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए सुधार के दस कदम गिना दिए थे। बुधवार को गिरावट और तेज हो गई। भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर और शाहनवाज हुसैन ने अलग-अलग इसके लिए मनमोहन के नेतृत्व व सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा किया। शाहनवाज ने कहा कि नौ साल तक अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री के शासन का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। अगर उनसे कुछ नहीं संभलता है तो गद्दी छोड़ दें। जावड़ेकर ने आगाह किया कि इस सरकार की नीतियों का खामियाजा लाखों की संख्या में बेरोजगारी से भुगतना होगा। तृणमूल के सौगत राय ने भी उसी तर्ज पर कहा कि सरकार के पास कोई उपाय नहीं है। चिदंबरम ने जो दस कदम सुझाए वह लंबी अवधि के लिए हैं, लेकिन जिस गति से रुपये में गिरावट आ रही है उसका तोड़ सरकार के पास है ही नहीं। कांग्रेस सरकार लगातार नौ साल से है और वही इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।

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