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भारतीय वैज्ञानिकों की दवा से डायबिटीज का जड़ से खात्मा

पश्चिम बंगाल के विश्व भारती विश्वविद्यालय और असम के तेजपुर विवि के भारतीय वैज्ञानिकों ने डायबिटीज की नई दवा ईजाद की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें डायबिटीज को जड़ से खत्म करने की क्षमता है, जबकि एलोपैथिक दवाएं प्राय: अस्थायी तौर पर शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करती हैं।

By Edited By: Updated: Wed, 10 Sep 2014 10:24 PM (IST)
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के विश्व भारती विश्वविद्यालय और असम के तेजपुर विवि के भारतीय वैज्ञानिकों ने डायबिटीज की नई दवा ईजाद की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें डायबिटीज को जड़ से खत्म करने की क्षमता है, जबकि एलोपैथिक दवाएं प्राय: अस्थायी तौर पर शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करती हैं।

वैज्ञानिकों ने गुड़हल [हिबिस्कस] की प्रजाति के पौधे से एक ऐसा प्राकृतिक सत्व प्राप्त करने में सफलता हासिल की है जो कि डायबिटीज का पूरी तरह से खात्मा करने में सक्षम है। इस पौधे को स्थलपद्म के नाम से भी जाना जाता है। उत्तर-पूर्व से जुटाए गए स्थलपद्म के पत्तों से प्राप्त सत्व का डायबिटिक चूहे पर परीक्षण किया गया। इस परीक्षण में चूहे के शरीर में इंसुलिन के स्तर को बहाल करने की दिशा में आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिला।

विश्व भारती के प्रोफेसर समीर भट्टाचार्य ने कहा, 'हमने पाया कि इसकी पत्तियों से निकाला गया पॉलीफिनोल तत्व फ्यूरेलिक एसिड [एफआरएल] डायबिटीज को नियंत्रित करने की आश्चर्यजनक क्षमता से युक्त है।' उन्होंने कहा कि चूहे पर दो हफ्ते में इसने शानदार परिणाम दिया। आयुर्वेद में कई बीमारियों में गुड़हल के सेवन की बात कही गई है।

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