भारतीय सेना पाक में घुसकर आतंकियों को मारने में सक्षम
भारतीय सेना पाकिस्तान में घुस कर आतंकी शिविरों को नष्ट करने में सक्षम है। राजनीतिक अनुमति मिले तो नियंत्रण रेखा से लेकर गुलाम कश्मीर तक आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। यह बात वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने कही।
नई दिल्ली। भारतीय सेना पाकिस्तान में घुस कर आतंकी शिविरों को नष्ट करने में सक्षम है। राजनीतिक अनुमति मिले तो नियंत्रण रेखा से लेकर गुलाम कश्मीर तक आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। यह बात वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने कही।
राहा चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) के अध्यक्ष भी हैं। वह शनिवार को यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे। यह पूछने पर कि पिछले दिनों जैसी कार्रवाई म्यांमार में की गई थी वैसी ही गुलाम कश्मीर में भी हो सकती है, राहा ने कहा- 'क्षमता तो है। लेकिन इसका फैसला हम नहीं ले सकते। इसका फैसला तो राजनीतिक रूप से ही होना चाहिए।'
एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि तिब्बत में चीन अपनी क्षमता में बेतहाशा वृद्धि करने में जुटा है। लेकिन इसे लेकर उन्होंने अधिक चिंता नहीं जताई। उन्होंने कहा, हम भी सक्षम बलों की तैनाती कर रहे हैं।
राहा के मुताबिक, वायुसेना कारगिल और सुदूर इलाकों में बुनियादी ढांचा तैयार करने पर भी ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा, 'कारगिल और नेओमा (लद्दाख) विमान तल सेना की ताकत बढ़ाना वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण है। ये विमान तल वहां पर्यटकों की आवाजाही और आर्थिक विकास में भी मददगार साबित हो सकते हैं।' कारगिल विमान तल को लेकर राज्य सरकार भी काफी उत्साहित है।
राहा ने कहा, 'ढेर सारे मुद्दे सुलझ गए हैं। कारगिल रनवे का हम विस्तार करना चाहते हैं जिससे इसका इस्तेमाल वायुसेना के बड़े विमानों या लड़ाकू विमानों के साथ ही असैनिक विमानों के लिए भी किया जा सके।' उन्होंने बताया कि नेओमा हवाई पट्टी के मामले में फैसला लिया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'काम में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है। हवाई पट्टी तैयार करने में बड़ी संख्या में उपकरणों और काफी मात्रा में सामग्री की जरूरत पड़ती है। जगह समुद्र तल से 13,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।' उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यदि इस वर्ष काम शुरू भी हो जाए तो पूरा होने में चार से पांच वर्ष लगेंगे।
इसी वर्ष के अंत तक राफेल सौदा : वायुसेना प्रमुख ने उम्मीद जताई है कि इस वर्ष के आखिर तक राफेल सौदा हो जाएगा। फ्रांस से 36 राफेल जेट खरीदा जाना है। वायुसेना को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए 108 राफेल या उसी के समरूप जेटों से लैस कम से कम छह स्क्वाड्रन की दरकार है।