आतंकवाद का सामना करने के लिए भारत की मदद करेगा यूएस: पर्रिकर
आतंकवाद का सामना करने के लिए अमेरिका ने भारत को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। रक्षा मंत्री पर्रिकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग पर भी सहमति बनी है।
वाशिंगटन (पीटीआई)। भारत और अमेरिका ने एक अहम समझौते पर दस्तखत कर दिए हैं। इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य साजोसामान और सैन्य अड्डों का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस रक्षा सहयोग का मकसद हथियारों की पर्याप्त आपूर्ति और उन्हें सुधारने में एक-दूसरे का सहयोग होगा। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने सोमवार को देर रात रसद के आदान-प्रदान के समझौते (एलईएमओए) पर सहमति जताई। दोनों नेताओं ने कहा कि इस समझौते से व्यवहारिक संविदा और आदान-प्रदान के अवसर मिलेंगे।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद का सामना करने के लिए मिलजुल कर काम करेंगे।
Appreciate support from US in our efforts to eliminate terror in India’s neighbourhood:Manohar Parrikar in Virginia pic.twitter.com/ZZlzisfWdH
— ANI (@ANI_news) August 30, 2016
एलईएमओए के तहत रसद का सहयोग, आपूर्ति और अमेरिकी व भारतीय सैन्य अड्डों के बीच क्षतिपूर्ति के लिए आदान-प्रदान होगा। बैठक के दौरान पर्रिकर और कार्टर ने दोनों देशों के बीच कार्य प्रगति पर चर्चा की। अमेरिका भारत के साथ रक्षा क्षेत्र में व्यापार और तकनीकी साझेदारी के लिए तैयार हो गया है। ताकि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हो सके।
इससे पहले, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अमेरिका के साथ रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर बात करने के लिए सोमवार को पेंटागन पहुंचे। वहां पर अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने उनका भव्य स्वागत किया। सामान्य तौर पर पेंटागन पहुंचने वाले लोगों का सीढि़यों पर ही हाथ मिलाकर स्वागत किया जाता है। लेकिन विशिष्ट अतिथियों के स्वागत में संक्षिप्त समारोह भी होता है और राष्ट्रीय धुन भी बजाई जाती है।
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पर्रिकर को पेंटागन में विशिष्ट अतिथि का दर्जा दिया गया। स्वागत समारोह के बाद पर्रिकर ने पेंटागन में 9/11 स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। पर्रीकर की कार्टर के साथ यह छठी भेंट होगी। पर्रिकर की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों में सैन्य विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। इसी साल अप्रैल में कार्टर की भारत यात्रा के दौरान इस समझौते की घोषणा हुई थी।
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