सियासत में दबकर रह गई बेगुनाहों की आवाज
विधानसभा चुनाव से ऐन पहले दर्जनों बेगुनाहों की जान लेने वाले फ्लाइओवर हादसे पर जम कर सियासत हो रही है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2016 10:22 AM (IST)
कोलकाता [मिलन कुमार शुक्ला ]। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले दर्जनों बेगुनाहों की जान लेने वाले फ्लाइओवर हादसे पर जम कर सियासत हो रही है। मौत पर मातम के बीच सियासी दल हैं जो जिम्मेवारियों से जी चुराते हुए एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं।
एक तरफ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं जो यह कह रही हैं कि वाममोर्चा कार्यकाल के दौरान इस ब्रिज के निर्माण का कार्य शुरू हुआ, हमारे कार्यकाल में नहीं, तो दूसरी ओर वाममोर्चा है जिसके नेता कह रहे हैं कि साल 2016 है सरकार तृणमूल की है नेत्री ममता बनर्जी ने चुनाव का तोहफा देने का फैसला किया था नतीजतन हादसा पेश आया। लेकिन सवाल यह कि आखिर उन बेगुनाहों का क्या जो नाहक में जान गवां बैठे? पढ़ेंः कोलकाता हादसाः अपनों को तलाशती रहीं नम आंखेंलापरवाही या हादसा!
गौर करने वाली बात यह है कि ब्रिज बनाने का लेकर इस प्रकार की लापरवाही शायद ही अब तक देखने को मिली है। निर्माण करने वाली कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि यह एक्ट आफ गाड यानी कुदरत की मर्जी थी। वहीं प्राप्त तथ्यों के अनुसार 24 फरवरी, 2009 को शुरू हुआ 2 किलोमीटर लंबा ये फ्लाईओवर 18 महीने में बनकर तैयार होना था। 1.6 किलोमीटर लंबा पहला हिस्सा गिरीश पार्क और हावड़ा ब्रिज को लिंक करेगा। 600 मीटर लंबा दूसरा हिस्सा पोस्ता क्रासिंग और निमताला गेट स्ट्रीट की ओर जाएगा। इसके लिए तत्कालीन वाममोर्चा सरकार ने 164 करोड़ रुपए का बजट रखा था। यहां काम करने वाले कर्मचारी कहते हैं कि जो हिस्सा गिरा है उसकी ढलाई रात को ही हुई काम दिन में भी प्रगति पर था। सवाल यह कि जेएनएनयूआरएम प्रोटोकाल से इतर बगैर बैरिकेडिंग दिन में कार्य क्यों जारी रखा गया? आखिरकार किस बात की जल्दबाजी थी?मौत पर सियासत
माकपा सांसद मोहम्मद सलीम कहते हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जगधात्री पूजा का उद्घाटन करने हादसे वाले स्थान पर दो महीने पहले पहुंची थी। तब उन्होंने मंच से घोषणा की थी कि ब्रिज का 76 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और बाकी 24 प्रतिशत बहुत जल्द पूरा कर लिया जाएगा। वहीं भाजपा महासचिव और पश्चिम बंगाल में पार्टी मामलों के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ट्वीट कर कहते हैं कि यह ममता सरकार के भ्रष्टाचार का उदाहरण और सबूत है। राज्य की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि लापरवाही वर्तमान सरकार की है और वे पीड़ितों के इंसाफ के लिए कोर्ट का रूख करेंगे। बहरहाल, अब जांच होगी, कुछ लोग दोषी ठहराए जाएंगे, हो सकता है कुछ को सजा मिली, निर्माण करने वाली कंपनी पर भी गाज गिरे लेकिन उनका क्या जिनके अपने हमेशा-हमेशा के लिए उनसे बिछड़ गए? क्या सियासत के आगे दर्जनों बेगुनाहों की आवाज दब कर रह जाएगी? पढ़ेंः कोलकाता हादसे में अब तक 23 की मौत, पीएम ने दिया मदद का अाश्वासन