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यूपी के 34 जिलों में आइएसआइ सक्रिय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के करीब तीन दर्जन जिलों में आइएसआइ सक्रिय हैं। यह खतरनाक एजेंसी किसी भी समय अपने मंसूबों को अंजाम दे सकती है। विधानसभा प्रश्नकाल के दौरान कल बसपा के धर्मपाल सिंह के सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने जवाब दिया कि फिलहाल प्रदेश के 34 जिलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ सक्रि 12 जिले अति संवेदनशील हैं

By Edited By: Updated: Tue, 01 Jul 2014 05:46 PM (IST)
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के करीब तीन दर्जन जिलों में आइएसआइ सक्रिय हैं। यह खतरनाक एजेंसी किसी भी समय अपने मंसूबों को अंजाम दे सकती है।

विधानसभा प्रश्नकाल के दौरान कल बसपा के धर्मपाल सिंह के सवाल पर संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने जवाब दिया कि फिलहाल प्रदेश के 34 जिलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ सक्रि 12 जिले अति संवेदनशील हैं, जिनमें कानपुर, आगरा, मेरठ, मथुरा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और हापुड़ प्रमुख हैं।

आजम खां ने कहा कि 17 सितंबर 2011 से अब तक यूपी में आतंकवाद की कोई घटना नहीं घटी है। वर्ष 2010 में आतंकवाद की एक घटना के बाद कोई बड़ी घटना नहीं हुई। इस पर धर्मपाल सिंह ने आगरा की दो घटनाओं की गिनाते हुए संयुक्त कंट्रोल रूम स्थापित करने की मांग की। उन्होंने एक विशेष साफ्टवेयर विकसित करने पर जोर दिया। इस पर आजम ने कहा आंतकी और सांप्रदायिक वारदात पर अंकुश लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के बजाए इंसानियत के कैमरे लगें तब ही माहौल में सद्भाव बढ़ेगा।-

कानून-व्यवस्था पर संयुक्त बैठक का प्रस्ताव

कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के हमलों से बचाव और विपक्षियों को संतुष्ट करने को सरकार ने संयुक्त बैठक का प्रस्ताव किया है। कल विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा कि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने को संयुक्त बैठक हो, विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय की अध्यक्षता में प्रस्तावित इस बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मौजूद रहेंगे। आजम खां का कहना था कि महिलाओं पर अत्याचार के पीछे एक मानसिकता है। इस बढ़ती विकृति के कारणों को तलाश उनका स्थाई तौर से निदान किया जाए क्योंकि आधुनिकता के माहौल में नियंत्रण करने के लिए सामाजिक स्तर पर प्रयास जरूरी है।

यातायात व्यवस्था सुधार के गंभीर प्रयास होंगे

संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने प्रमुख नगरों में यातायात जाम की समस्या का समाधान करने के लिए विशेष प्रयास पर सहमति जतायी। कांग्रेस के प्रदीप माथुर के प्रश्न पर उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था प्रमुख नगरों में 24 घंटे व्यस्त चौराहों पर संभव नहीं है। लखनऊ, मेरठ, कानपुर, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर में ट्रेफिक सिग्नल स्थापित किए गए है।

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