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आइएस के लिए भर्ती करने वाला मेहदी बेंगलूर में गिरफ्तार

ट्विटर के जरिए आतंकवादी संगठन आइएस के प्रचार और भर्ती अभियान में मदद करने वाला इंजीनियर मेहदी मसरूर बिस्वास शनिवार को बेंगलूरु पुलिस की गिरफ्तार में आ गया। पुलिस पूछताछ में उसने माना है कि 'शमी विटनेस' नाम का ट्विटर एकाउंट वही चलाता था।

By Jagran News NetworkEdited By: Updated: Sun, 14 Dec 2014 09:05 AM (IST)
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ट्विटर के जरिए आतंकवादी संगठन आइएस के प्रचार और भर्ती अभियान में मदद करने वाला इंजीनियर मेहदी मसरूर बिस्वास शनिवार को बेंगलूर पुलिस की गिरफ्तार में आ गया। पुलिस पूछताछ में उसने माना है कि 'शमी विटनेस' नाम का ट्विटर एकाउंट वही चलाता था। अब उसके खिलाफ देशद्रोह और भारत के मित्र राष्ट्र के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के अपराध में मुकदमा चलेगा।

जांच और पूछताछ में कर्नाटक पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय एजेंसियां भी वहां पहुंच गई हैं। भारत की धरती से इस्लामिक स्टेट (आइएस) के लिए प्रचार युद्ध और भर्ती का काम करने वाले 24 वर्षीय मेहदी मसरूर के बारे में अब तक भले ही किसी एजेंसी को भनक तक नहीं लगी हो, लेकिन ब्रिटिश चैनल के खुलासे के बाद कर्नाटक पुलिस ने पूरी मुस्तैदी दिखाते हुए उसे बेंगलूरु से गिरफ्तार कर लिया।

शनिवार को राज्य पुलिस के महानिदेशक एल. पछाऊ ने बेंगलूर के पुलिस आयुक्त एमएन रेड्डी के साथ खुद इस गिरफ्तारी का एलान किया। उसने शुरुआती पूछताछ में माना है कि ट्विटर एकाउंट वही चलाता था। हालांकि आइएस के लिए नए लोगों को भर्ती करने आदि के बारे में उसने अभी अपनी जुबान नहीं खोली है। पूरे मामले की गहराई से पड़ताल और उसके तारों को तलाशने में कर्नाटक पुलिस की मदद करने केंद्रीय एजेंसियां भी बेंगलुरू पहुंच गई हैं। खुफिया ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के अधिकारी इस काम में सहयोग कर रहे हैं।

5.3 लाख था सालाना वेतन

जांच में शामिल एक सूत्र ने बताया कि मेहदी बेंगलुरू में सिगरेट कंपनी आइटीसी की सहयोगी कंपनी आइटीसी फूड्स में काम करता था। यहां वह मैन्यूफैक्चरिंग एक्जेक्यूटिव पद पर था और उसका वेतन 5.3 लाख रुपये सालाना था। कंपनी ने भी स्वीकार कर लिया है कि वह उनका कर्मचारी था और जांच में सहयोग का भरोसा जताया है।

पुलिस के अनुसार उसने बेंगलुरू स्थित अपने किराए के घर से गिरफ्तारी के दौरान जरा भी प्रतिरोध नहीं किया। वह चैनल-4 को नए इंटरव्यू में मारे जाने के डर से समर्पण करने की इच्छा जता चुका था। आइएस के वरिष्ठ लोगों के संपर्क में था : एजेंसियों का मानना है कि वह सिर्फ ट्विटर पर ही सक्रिय नहीं था, बल्कि आतंकी संगठन आइएस के वरिष्ठ लोगों के साथ लगातार संपर्क में भी था। हालांकि जांच में अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उसे आतंकी गतिविधियों में सहयोग के लिए आइएस से कितनी आर्थिक मदद मिलती थी। पुलिस ने उसके पास से दो मोबाइल फोन और एक लैपटॉप जब्त किया है। उसके खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी कानून ही नहीं, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

कई साल से चला रहा था ट्विटर एकाउंट

मेहदी बेंगलुरू में दिन में दफ्तर में काम करता था, मगर कार्यालय के समय के बाद इंटरनेट की मदद से आइएस से संबंधित ताजा खबरों की जानकारी रखता था। साथ ही वह इस आधार पर लगातार ट्वीट भी करता था। उसने माना है कि वह ट्विटर का यह एकाउंट कई साल से चला रहा था। उसने आइएस की गतिविधियों के दौरान या इंटरनेट पर कभी अपना परिचय सार्वजनिक नहीं किया। समय के साथ उसका यह विश्वास मजबूत हो रहा था कि इस काम के लिए वह कभी पकड़ा नहीं जाएगा।

जहरीले ट्विटर हैंडल की गहरी पैंठ
- शमी विटनेस नाम से आइएस का सबसे प्रभावी एकाउंट

- इस ट्विटर एकाउंट के थे 17,700 फालोवर

- हर महीने बीस लाख लोग उसके ट्वीट पढ़ते थे

- विदेशी जेहादी थे फालोवर, ब्रिटिश जेहादियों से रोज होती थी बात

- सभी विदेशी जेहादियों में दो-तिहाई इसे नियमित रूप से करते थे फॉलो

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