Move to Jagran APP

इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक ने अब आइएस को गैरइस्लामी करार दिया

कल तक सभी मुसलमानों को आतंकी बनने की सलाह देने वाले डॉ. नाईक ने अब आइएस को गैरइस्लामी करार दिया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Thu, 07 Jul 2016 06:19 AM (IST)
Hero Image

राज्य ब्यूरो, मुंबई। बांग्लादेश के आतंकी हमलावरों से नाम जुड़ने के बाद गिरफ्तारी की बढ़ती मांग के बीच इस्लामी प्रचारक डॉ. जाकिर नाईक ने अपना सुर बदल लिया है। कल तक सभी मुसलमानों को आतंकी बनने की सलाह देने वाले डॉ. नाईक ने अब आइएस को गैरइस्लामी करार दिया है। उन्होंने कहा कि जो संगठन निर्दोष लोगों की हत्या करता हो, उसका स्वयं को इस्लामी स्टेट कहना इस्लाम का अपमान होगा। उसे तो गैरइस्लामी स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया कहना चाहिए।

डॉ. नाईक इन दिनों मक्का में हैं। ढाका हमले के दो आतंकी उनके समर्थक बताए जा रहे हैं। इस संबंध में बुधवार को फोन पर एक अखबार से बात करते हुए डॉ. नाईक ने कहा कि फेसबुक पर उनके करीब डेढ़ करोड़ समर्थक हैं। विभिन्न भाषाओं में अरबों लोग उन्हें टीवी पर देखते हैं। 90 फीसद बांग्लादेशी उन्हें जानते हैं। इनमें वरिष्ठ राजनेता, छात्र, आम आदमी सभी शामिल हैं। इसलिए ढाका के हमलावर यदि उन्होंने जानते थे, तो इसमें आश्चर्य क्या है?

शिवसेना ने की प्रतिबंध की मांग

शिवसेना ने डॉ. नाईक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। पार्टी सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि जिस व्यक्ति की भाषा राष्ट्र के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाती हो, उस पर तुरंत प्रतिबंध लगना चाहिए। सावंत ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर नाईक पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करेंगे।

कौन हैं जाकिर नाईक

पेशे से चिकित्सक रहे 50 वर्षीय डॉ. जाकिर नाईक मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) के संस्थापक हैं। इसकी स्थापना उन्होंने 1991 में की थी। उनका पीस टीवी नाम से एक चैनल भी है। इस चैनल पर वह कुरान और हदीस के आधार पर लंबे-लंबे भाषण देते हैं, जिन्हें इस्लाम को माननेवाले काफी पसंद करते हैं। वह एक बार ओसामा बिन लादेन का समर्थन करके भी वह चर्चा में आ चुके हैं। डॉ. नाईक सभी मुस्लिमों को आतंकी बनने की सलाह भी दे चुके हैं।

इस मुस्लिम उपदेशक के वीडियो देख आतंकियों ने ढाका में बिछा दी लाशें

एनआईए कर रही नाईक के भाषणों की जांच, रिजिजू बोले कार्रवाई पर फैसला नहीं