Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

अंधविश्वास है इसरो की बालाजी से आशीर्वाद लेने की परंपरा

भारत रत्न से सम्मानित प्रोफेसर सीएनआर राव ने अंतरिक्ष अभियान से पहले तिरुपति बालाजी से इसरो वैज्ञानिकों के आशीर्वाद लेने की परंपरा को अंधविश्वास करार दिया है। गौरतलब है कि कि परंपरा के तहत इसरो के वैज्ञानिक श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपने हर यान के उड़ान भरने से पहले उसका एक छोटा प्रतिरूप तिरुपति मंदिर में भ्

By Edited By: Updated: Sun, 24 Nov 2013 05:07 PM (IST)
Hero Image

बेंगलूर। भारत रत्न से सम्मानित प्रोफेसर सीएनआर राव ने अंतरिक्ष अभियान से पहले तिरुपति बालाजी से इसरो वैज्ञानिकों के आशीर्वाद लेने की परंपरा को अंधविश्वास करार दिया है।

पढ़ें: राव ने नेताओं को कहा इडियट्स

गौरतलब है कि कि परंपरा के तहत इसरो के वैज्ञानिक श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपने हर यान के उड़ान भरने से पहले उसका एक छोटा प्रतिरूप तिरुपति मंदिर में भगवान बालाजी के चरणों में अर्पित कर अभियान की सफलता की कामना करते हैं।

पढ़ें: सचिन की तरह प्रोफेसर राव ने भी शोध में ठोका सैकड़ा

हाल ही में मंगल अभियान से पहले इसरो अध्यक्ष तिरुपति मंदिर पहुंचे आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। बेंगलूर प्रेस क्लब की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में प्रोफेसर राव ने यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा, 'इन्सान डरपोक प्रवृत्ति का होता है। वह सोचता है कि ईश्वर को चढ़ावा चढ़ाने से उसके कार्य सफल होते हैं। ऐसे में कोई क्या कर सकता है?' उन्होंने कहा, 'मैं न तो किसी तरह के अंधविश्वास में यकीन करता हूं और न ही ज्योतिष शास्त्र में।'

विज्ञान के क्षेत्र में चीन के निवेश की तारीफ करते हुए राव ने कहा कि अमेरिका कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क ने इस मामले में दुनिया को पछाड़ दिया है। भारतीयों को आरामतलब बताते हुए राव ने यह भी स्वीकार किया कि भारत में विज्ञान की स्थिति अच्छी नहीं है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर