Lockdown के पक्ष में है लांसेट की रिपोर्ट, हटने की आशंका से डब्ल्यूएचओ भी है परेशान
लॉकडाउन हटाने को लेकर सरकारें ही चिंतित नहीं है बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और लांसेट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में भी इसको लेकर चेतावनी दी गई है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 13 Apr 2020 12:19 PM (IST)
नई दिल्ली। कोरोना वायरस अब तक दुनिया भर में 114253 लोगों की जान ले चुका है। पूरी दुनिया में (13 अप्रैल सुबह दस बजे तक) इसके 1853357 मामलों की पुष्टि भी हो चुकी है। ऐसे में दुनिया के कई देशों में जारी लॉकडाउन को कुछ देशों ने जहां बढ़ा दिया है वहीं कुछ देशों में इसके हटाए जाने की चर्चाओं का बाजार भी गरम है। इस बीच कुछ देश ऐसे भी हैं जहां लॉकडाउन को पूरे देश में लागू न करके किसी-किसी राज्य या प्रांतों तक ही सीमित रखा गया है। लेकिन जिस तरह से इसको खत्म करने की मांग उठ रही है उससे खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन सकते में हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसको लेकर चेतावनी दी है। उसका कहना है कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को जल्दबाजी में हटाने के घातक परिणाम हो सकते हैं। आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है कि जब डब्ल्यूएचओ की तरफ से इसको लेकर चेतावनी और नाराजगी दोनों जाहिर की गई हैं।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि इस तरह की चेतावनी देने वालों में केवल डब्ल्यूएचओ ही शामिल नहीं हैं बल्कि कुछ रिसर्च रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र किया गया है। लांसेट जर्नल में छपी एक रिसर्च रिपोर्ट में लॉकडाउन हटाने की सोचने वाले देशों को चेतावनी दी गई है कि यदि इस वायरस की वैक्सीन सामने आने तक इसको नहीं हटाया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि बिना पूरी तैयारी किए प्रतिबंध हटाना नए सिरे से संक्रमण का तूफान ला सकता है। ये रिसर्च रिपोर्ट चीन के शोधकर्ताओं ने तैयार की है।
इसके अलावा विश्व बैंक ने भी कहा है कि लॉकडाउन हटाने से प्रवासी मजदूर उन राज्यों में इसको फैला सकते हैं जो अब तक इससे बचे हुए हैं। अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में भारत का जिक्र करते हुए विश्व बैंक ने कहा कि शुरुआती परिणाम दिखाते हैं कि भारत के जिन इलाकों में ये लोग लौट रहे हैं वहां कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं। विश्व बैंक ने ये भी माना है कि दक्षिण एशिया में कोरोना वायरस के संक्रमण रोकना बड़ी चुनौती है।
जहां तक भारत की बात है तो आपको यहां पर ये भी बता दें कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हुई पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक में ज्यादातर मुख्यमंत्रियों का मानना था कि भारत में जारी लॉकडाउन को इस माह के अंत तक बढ़ा देना चाहिए। इन सभी की राय थी कि यदि इसको हटाया गया तो महामारी के बढ़ने की आशंका होगी और फिर इसको काबू कर पाना भी मुश्किल होगा। पीएम मोदी ने भी इस बैठक में सभी को आश्वस्त किया और कहा कि वो कोई भी फैसला सभी की सहमति से ही लेंगे।
इसके अलावा उन्होंने राज्यों से इस महामारी को रोकने के लिए कुछ दूसरे सुझाव भी मांगे हैं। उन्होंने इस बात के लिए भी सभी राज्यों को आश्वस्त किया है कि वो इस लड़ाई में अकेले नहीं है बल्कि पूरा देश उनके साथ खड़ा हुआ है। गौरतलब है कि भारत में लॉकडाउन की समय सीमा को अब तक बढ़ाने की घोषणा नहीं हुई है। माना जा रहा है कि एक दो दिनों के अंदर पीएम मोदी इसकी घोषणा कर सकते हैं।ये भी पढ़ें:-
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