Move to Jagran APP

आरक्षण पर चर्चा करना बुरी बात नहीं : भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने कहा कि आरक्षण पर चर्चा करना बुरी बात नहीं है। आज हर जाति व वर्ग आरक्षण की मांग कर रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Thu, 24 Sep 2015 09:59 PM (IST)
Hero Image

जागरण संवाददाता, कुल्लू। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने कहा कि आरक्षण पर चर्चा करना बुरी बात नहीं है। आज हर जाति व वर्ग आरक्षण की मांग कर रहा है। ऐसी स्थिति कैसे बनी, इस पर सोचना तो होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि बलि प्रथा पर जनता की राय ली जानी चाहिए।भागवत गुरुवार को कुल्लू के देव सदन में देव प्रतिनिधियों, कारदार, पुजारी तथा गुरों की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

पढ़ेंःआर्थिक आधार पर आरक्षण हो: भागवत

मंदिरों में सभी को प्रवेश मिले

उन्होंने कहा कि सबको मंदिर में प्रवेश मिले। समाज के अंतिम व्यक्ति तक समरसता की अनुभूति हो, इस ओर प्रयास होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो समाज को तोड़ने वाली ताकतें अधिक प्रभावी होंगी। इसके लिए जात बिरादरी के प्रमुखों तथा संत समाज को अधिक प्रयत्न करने होंगे। देव कारकुनों का संरक्षण भी जरूरी है। देव संस्कृति ही हिंदू संस्कृति है। जब देव संस्कृति प्रभावी थी तब विश्व में युद्ध नहीं होते थे। पर्यावरण भी शुद्ध था। हमने अपनी संस्कृति को छोड़ा इसीलिए समस्याएं बढ़ी। उन्होंने आह्वान किया कि सभी पंथ संप्रदाय एकजुट होकर चलें तभी भारत सुरक्षित रहेगा।

पढ़ेंःविज्ञान से बड़ा है वेद: मोहन भागवत

सप्ताह में एक बार करें सामूहिक भोजन अौर भजन

परिवार व्यवस्था में क्षरण और पारिवारिक मूल्यों में आ रही गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इसको सुदृढ़ बनाने के लिए प्रत्येक परिवार को सप्ताह में एक बार सामूहिक भोजन, भजन और खुलकर चर्चा करनी चाहिए। बच्चों को अपनी संस्कृति का ज्ञान और गौरव बताएंगे तो वह कभी भटकेंगे नहीं। बलि प्रथा पर प्रतिबंध पर उन्होंने कहा कि इसके लिए पहले जनता की राय लेना जरूरी हैं। इस अवसर पर देव प्रतिनिधियों ने परिचर्चा में भाग लिया और देव संस्कृति के संरक्षण के लिए कई उपयोगी सुझाव भी दिए।

पढ़ेंःओवैसी और भागवत ही समाज में फैला रहे धार्मिक कट्टरताः दिग्विजय सिंह