हिंसा भड़का कर कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालने की कोशिश
पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा भड़काने की नए सिरे से कोशिश में लगा हुआ है और इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाना चाहता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कश्मीर में मारे गये हिजबुल के आतंकी सरगना बुरहान वानी को लेकर पाकिस्तान यूं ही हाय तौबा नहीं मचा रहा है बल्कि यह उसकी नई साजिश का हिस्सा है। देश की खुफिया एजेंसियों को इस बात की सूचना मिली है कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंक को भड़काने की नए सिरे से कोशिश करने में लगा है। इस बार सीमा पार से आतंकी भेजने के बजाय स्थानीय लड़ाकों को तैयार करने पर खास जोर दिया जाएगा।
इसके लिए हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ ही हिजबुल मुजाहिद्दीन को पाक सेना व आइएसआइ पूरी मदद देगी।भारतीय एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक बुधवार को जिस तरह से पाकिस्तान में हाफिज सईद व हिजबुल के कुछ आला आतंकवादियों ने बुरहान वानी की मौत पर आयोजित काला दिवस कार्यक्रम में खुले आम शिरकत की है वह कश्मीर पर पाकिस्तान की बढ़ते हौसले का नतीजा है।
हाल के वर्षो में पाकिस्तान ने घरेलू व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर को लेकर बहुत ज्यादा हो-हल्ला नहीं मचा रहा था। पिछले दो वर्षो के आंकड़े बताते हैं कि कश्मीर नियंत्रण रेखा पर सीमा पार करने की घटनाएं भी काफी कम हो गई है। लेकिन पाकिस्तान अब अपनी इस रणनीति को बदल रहा है। इसका पता इस तथ्य से भी चलता है कि हाल के महीनों में पाकिस्तान की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में भी कश्मीर के मुद्दे को लगातार उठाने की कोशिश की जा रही है।
अगर कश्मीर में हिंसा भड़कती है तो पाकिस्तान के लिए इस पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान को खींचना आसान हो जाएगा।खुफिया एजेंसियों को इस बात की भी सूचना मिली है कि हाफिज सईद ने कश्मीर पर अब ज्यादा ध्यान देना शुरु किया है। इसके पीछे वजह यह है कि अमेरिकी दबाव की वजह से वह दुनिया भर की एजेंसियों की निगाह में है। ऐसे में वह कश्मीर कार्ड को अपना सुरक्षा कवच बनाना चाहता है। उसने यह स्वीकार भी किया है कि कश्मीर में मारा गया आतंकी वानी उसके संपर्क में था। सूत्रों का कहना है कि सईद न सिर्फ कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन चलाने वाले हुर्रियत नेताओं के संपर्क में है बल्कि हिंसा की राह पर चलने वाले स्थानीय युवकों का भी रहनुमा बनने की कोशिश कर रहा है।