‘आप’ पार्टी नहीं, गिरोह है, माल बंटवारे पर हो रही लड़ाईः पाल
पाल ने पार्टी में फूट पर कटाक्ष करते हुए इसे एक राजनीतिक दल न बताकर, गिरोह करार दे डाला है। उन्होंने कहा, ‘ये आप पार्टी नहीं है, बल्कि एक गिरोह है। सफलता के बाद माल बंटवारे को लेकर इनमें कलह शुरू हो गई है।’
By Jagran News NetworkEdited By: Updated: Tue, 03 Mar 2015 01:36 PM (IST)
नई दिल्ली। अंतर्कलह से परेशान आम आदमी पार्टी पर विरोधियों को भी तीखे प्रहार करने का मौका मिल गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल ने पार्टी में फूट पर कटाक्ष करते हुए इसे एक राजनीतिक दल न बताकर, गिरोह करार दे डाला है। उन्होंने कहा, ‘ये आप पार्टी नहीं है, बल्कि एक गिरोह है। सफलता के बाद माल बंटवारे को लेकर इनमें कलह शुरू हो गई है।’
वहीं, संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में उत्तर-पूर्वी दिल्लीे से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी कह डाला है कि आप में लड़ाई से साफ है कि इस दल में कुछ पारदर्शी नहीं है, लेकिन भाजपा में स्पष्ट पारदर्शिता है। विरोधियों के लगातार निशाने पर आने के बाद पार्टी के नेता जैसे-तैसे बचाव में उतरे हुए हैं। पार्टी के संस्थापक सदस्य शांति भूषण ने केजरीवाल के समर्थन में आते हुए कहा है कि उन्हें आप का संयोजक बने रहना चाहिए, जबकि चांदनी चौक से पार्टी विधायक अलका लांबा ने कहा है कि पार्टी में कोई हाईकमान कल्चर नहीं है। इसके हर नेता के पास बराबर की जिम्मेदारी, कर्तव्य और शक्तियां हैं। दरअसल, पार्टी के संयोजक पद पर अरविंद केजरीवाल के बने रहने पर योगेंद्र यादव, प्रशांत और एडमिरल रामदास ने आपत्ति जाहिर की थी। इसके बाद से इस संदर्भ में लगातार दल के नेताओं के विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं। खुद केजरीवाल ने आज ट्वीट करते हुए इस पूरे मामले पर दुख जाहिर किया है।