खुद समस्याओं का घर है UN, लिहाजा बिना सुधारों के नहीं बनेगी बात: सुषमा
सुषमा स्वराज ने यूएन को खुद समस्याओं से घिरा हुआ बताया है। उन्होंने एक बार फिर से महासभा से यूएन में सुधारों करने की अपील की।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। यूएनजीए महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र में सुधार की बात की। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत आने वाली विभिन्न संस्था खुद ही समस्याओं से ग्रस्त हैं। ऐसे में वह कैसे अन्य लोगों की समस्याओं को सुलझा सकती हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में सुधारों के एजेंडे पर आगे न बढ़ पाने को लेकर इसकी आलोचना भी की और अपील की कि इस पर जल्द से जल्द आगे बढ़ा जाए।
संयुक्त राष्ट्र में सुधारों का जिक्र
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज जब हम विश्व की अनेक समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं लेकिन जो संस्था इन समस्याओं के समाधान के लिए बनी हैं, वो स्वयं भी समस्याग्रस्त है। 18 तारीख को संयुक्त राष्ट्र में सुधारों के विषय पर बुलाई गई बैठक के संबंध में उन्होंने कहा कि उस बैठक में मंच से किये गये भाषणों में सुधारों के ना होने के कारण एक वेदना झलक रही थी। इसके अलावा इस बैठक में सुधार करने के लिये संकल्पशीलता भी दिख रही थी।
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UNSC में सुधार
उनका कहना था कि वर्ष 2005 के विश्व सम्मेलन के दौरान यह सहमति बनी थी कि जब संयुक्त राष्ट्र में सुधार की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी तो सुरक्षा परिषद् के सुधार और विस्तार को प्रमुख तत्व के रूप में शुरू किया जाएगा। सुषमा का कहना था कि इस संबंध में पिछले सत्र में प्रयास शुरू किए गए थे। इसको 160 से अधिक सदस्यों ने समर्थन भी दिया था। उन्होंने कहा कि यदि हम इस विषय पर गंभीर रूप से चर्चा करना चाहते हैं तो Text based negotiationका एक Text तो अवश्य होना ही चाहिए। इसके अलावा उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के की पीस कीपिंग से संबंधित मुद्दों का भी समाधान करना होगा। इसके बिना कोई भी सुधार का काम संभव नहीं हो सकेगा।
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