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जेल से भागे सिमी के सात सदस्य

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में मंगलवार तड़के प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सात सदस्य जेल के शौचालय की दीवार में सेंध लगाकर भाग गए। बम धमाके और हत्या समेत कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुके इन सदस्यों में इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक रियाज भटकल का खास अबु फैसल उर्फ डॉक्टर भी शामिल है।

By Edited By: Updated: Tue, 01 Oct 2013 11:52 PM (IST)
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नई दुनिया ब्यूरो, खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में मंगलवार तड़के प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सात सदस्य जेल के शौचालय की दीवार में सेंध लगाकर भाग गए। बम धमाके और हत्या समेत कई संगीन वारदातों को अंजाम दे चुके इन सदस्यों में इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक रियाज भटकल का खास अबु फैसल उर्फ डॉक्टर भी शामिल है। इन्होंने जेल के पास गश्त कर रहे दो सिपाहियों को चाकू घोपकर जख्मी कर दिया। उनकी बाइक, वायरलेस सेट व राइफलें लूट लीं। हरकत में आई पुलिस ने बाद में एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया। अन्य की तलाश में छापेमारी जारी है। प्रदेश सरकार ने सख्त रुख दिखाते हुए जेल सुपरिटेंडेंट समेत छह जेलकर्मियों को निलंबित कर दिया। पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी करते हुए फरार कैदियों का सुराग देने पर एक लाख का इनाम देने की घोषणा की गई है। वहीं केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है।

सिमी के आतंकवादी तैयार करने वाला ट्रेनर चढ़ा था एनआईए के हत्थे

सिमी सदस्यों ने ये सब काम इतनी चतुराई से किया कि जेल स्टाफ को उनके भागने की जानकारी करीब दो घंटे बाद मिली। पूरी योजना बनाकर इस साजिश को अंजाम दिया गया। हथियार जेल के अंदर इनके पास पहुंचा दिए गए थे। इन्होंने सेंध लगाने से लेकर दीवार फांदने तक की रिहर्सल भी की हुई थी। पुलिस को तीन स्थानों पर चालू हालत में बाइक लावारिस खड़ी मिलीं। अंदेशा है कि सिमी सदस्यों के सहयोगी पहले से ही जेल के बाहर बाइक लेकर तैयार थे। जेल से करीब आधा किलोमीटर दूर सर्वोदय कॉलोनी के एक मकान में कैदियों के छिपे होने की सूचना से इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक मनोज शर्मा ने बताया कि स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने एक कैदी आबिद मिर्जा को पकड़ लिया। अन्य कैदियों की पहचान अमजद रमजान, जाकिर बदरूल, असलम अयूब, गुड्डू महबूब और एजाजुद्दीन के रूप में हुई है। अबु फैसल मुंबई का रहने वाला है जबकि बाकी सभी मध्य प्रदेश के ही हैं। मालूम हो कि आतंकी घटनाओं में संलिप्तता के चलते सिमी को वर्ष 2001 में प्रतिबंधित कर दिया गया था।

उप्र में भी बजी खतरे की घंटी

लखनऊ। खंडवा जेल से छह सिमी सदस्यों के फरार होने से उत्तर प्रदेश में भी खतरे की घंटी बज गई है। इनमें से कुछ का इस राज्य से भी कनेक्शन रहा है। वर्ष 2010 में अयोध्या के विवादित ढांचा का फैसला देने वाले जजों की रेकी इन्हीं लोगों ने की थी। पुलिस अधिकारियों को इस बात के सुराग मिले हैं कि ये सदस्य उत्तर प्रदेश में पनाह ले सकते हैं।

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