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जैतपुर तिहरा हत्याकांड: पूरे परिवार को मारना चाहते थे आरोपी

जैतपुर के ओमनगर में ओमप्रकाश मिश्र, पत्नी शांति व उनके बेटे अमित की गोली मारकर हत्या करने वाले पहलवान सचिन व वीर सिंह पूरे परिवार को जान से मार डालना चाहते थे, लेकिन संयोग से शनिवार को तीन लोग ही बाहर निकले। पुलिस के मुताबिक, पड़ोसी होने के नाते कभी पार्किंग तो कभी अन्य मसले पर आए दिन ओमप्रकाश व वीर सिंह

By Edited By: Updated: Tue, 18 Feb 2014 08:32 AM (IST)
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नई दिल्ली। जैतपुर के ओमनगर में ओमप्रकाश मिश्र, पत्नी शांति व उनके बेटे अमित की गोली मारकर हत्या करने वाले पहलवान सचिन व वीर सिंह पूरे परिवार को जान से मार डालना चाहते थे, लेकिन संयोग से शनिवार को तीन लोग ही बाहर निकले। पुलिस के मुताबिक, पड़ोसी होने के नाते कभी पार्किंग तो कभी अन्य मसले पर आए दिन ओमप्रकाश व वीर सिंह के बीच झगड़ा होता रहता था। जिससे वीर ने परिचित सचिन के जरिए ओमप्रकाश व उसके परिवार को कई बार धमकी दी थी।

बताया जा रहा है कि बुछ समय पूर्व सचिन ओमनगर में ही जिम खोलने के लिए दुकान लेना चाह रहा था। ओमप्रकाश को पता चलने पर उन्होंने मकान मालिक से यह कहकर डील तुड़वा दिया था कि वह तो बदमाश है, उसे दुकान न दें। जिससे मकान मालिक ने दुकान देने से मना कर दिया था। इसका पता चलने पर सचिन से भी ओमप्रकाश की दुश्मनी हो गई थी। जिससे सचिन व वीर सिंह ने बेहद खुन्नस व गुस्से में हत्या करने की योजना बनाई।

हत्या के बाद एसएचओ को दी जानकारी :-

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तीनों को गोली मारकर हत्या करने के तुरंत बाद सचिन ने ओमनगर बीट में कभी तैनात रहे जैतपुर थाने के एएसआइ रामवीर को फोन कर बताया कि उसने तीन को उड़ा डाला है। फिर सचिन ने एसएचओ का फोन नंबर लेकर बताया कि उसने तीन को भून डाला है। उसे थाने आने को कहा गया, लेकिन पहले ही उसे दबोच लिया गया।

पुलिस ने सचिन के पास से आल्टो कार, वारदात में प्रयुक्त दो कट्टा, चाकू, कार में रखे कुल्हाड़ी व बेसबॉल के बैट सामान को जब्त कर लिया। लेकिन एक भी खोखा बरामद नहीं हुआ।

वीर रख लेता था खाली खोखा :-

बताया जा रहा है कि वीर सिंह कट्टे में गोलियां भरकर सचिन को दे देता था और वह गोलियां चलाता था। खाली खोखा निकालकर वीर सिंह अपनी जेब में रख लेता था, इसलिए मौके से एक भी खोखा नहीं मिला।

एक और साथी के शामिल होने की आशंका :-

ओमप्रकाश के परिजनों को शक है कि हत्याकांड में सचिन का एक और साथी शामिल था, जो कार के अंदर बैठा था। ये लोग दिन में ही प्लान बना शाम से गली में कार खड़ी कर घात लगाकर बैठे थे।

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पहले सुजीत को मारना चाहते थे आरोपी :-

सचिन जाट व वीर सिंह की सबसे अधिक खुन्नस सुजीत मिश्र से थी। ओमप्रकाश के बड़े बेटे सुजीत से ही अक्सर दोनों का झगड़ा होता था। जिससे वे पहले सुजीत की बाद में पूरे परिवार की हत्या करना चाहते थे। लेकिन शनिवार को देर रात तक सुजीत के घर न पहुंचने से उनकी जान बच गई। सुजीत ग्रेटर नोएडा में कपड़े की एक्सपोर्ट कंपनी में नौकरी करता है।

पिछले वर्ष दर्ज कराया गया था क्रास केस :-

पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों ने सबसे पहले गत वर्ष 7 अक्टूबर को जैतपुर थाने में क्रास केस दर्ज कराया था। उसके बाद 22 अक्टूबर व 3 नवंबर को ओमप्रकाश ने वीर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कराया था।