कश्मीर में नए सिरे से शुरू होगा बातचीत का सिलसिला,बढ़ाई जाएगी सुरक्षा
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए सभी संबंधित पक्षों से बात करने को कहा।
नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में पिछले एक महीने से जारी हिंसा रोकने के लिए सरकार नए सिरे से बातचीत का सिलसिला शुरू करेगी। हिंसक झड़पों को रोकने के लिए घाटी में सुरक्षा बलों की उपस्थिति भी बढ़ाई जाएगी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को राजधानी में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीरी जनता का दिल जीतने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के रास्ते पर आगे बढ़ने की अपील की। उन्होंने दावा किया कि एक महीने बाद सूबे के जमीनी हालात में बहुत सुधार हुआ है। दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा हुई।
बैठक में राजनाथ और महबूबा के अलावा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, खुफिया ब्यूरो के निदेशक दिनेश्वर शर्मा और गृह सचिव राजीव महर्षि मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार बैठक में महबूबा की दलीलों से सहमत केंद्र ने सूबे में बातचीत का सिलसिला नए सिरे से शुरू करने का भरोसा दिया। हिंसा की शुरुआत के तत्काल बाद राजनाथ कश्मीर घाटी जाकर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से पहले ही मुलाकात कर चुके हैं।
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अब नए सिरे से कश्मीर के विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधियों से बातचीत का सिलसिला शुरू किया जाएगा। लेकिन, केंद्र ने स्पष्ट कर दिया है कि इसमें हुर्रियत को शामिल नहीं किया जाएगा। बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब महबूबा ने हिंसा में मारे गए और घायल युवाओं को अपने लोग बताते हुए कहा, ऐतिहासिक बहुमत से सत्ता में आए प्रधानमंत्री मोदी के पास वाजपेयी की तरह कश्मीरियों का दिल जीतने का सुअवसर है।
हिंसा के इस दौर पर स्थायी विराम सिर्फ वाजपेयी के रास्ते पर चलकर आ सकता है। जो बातचीत का रास्ता है। आम कश्मीरियों की समस्याएं सुनने और उनका हल करने से हिंसा का मौजूदा दौर जल्द खत्म होगा। कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि घाटी दोनों देशों के बीच सेतु का काम कर सकती है और हमें इसी दिशा में काम करना चाहिए।
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