पीएम से मिलीं महबूबा, प्रदर्शनकारियों से कहा मुझे एक मौका दीजिए
पीएम से मुलाकात के बाद सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर पाकिस्तान में इंसानियत बची है तो वो घाटी में युवाओं को न उकसाए।
नई दिल्ली (जेएनएन)। जम्मू-कश्मीर में पिछले 50 दिन से हिंसा जारी है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पीएम से मुलाकात की।7 आरसीआर में पीएम से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके चेहरे पर तनाव साफ-साफ दिख रहा था। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से एक मौका देने की अपील की।इसके अलावा मुफ्ती ने मीडिया से भी सहयोग की अपील की। एक मां होने के नाते मुझे भी कष्ट होता है जब लड़कों से ये कहा जाता है कि पुलिस स्टेशन पर पत्थर फेको और तुम्हारी परेशानी दूर हो जाएगी।
As a mother it bothers me that pple tell children, go stone a police station, that will solve issue: Mehbooba Mufti pic.twitter.com/H8DJngCFbN
— ANI (@ANI_news) August 27, 2016उन्होंने कहा कि वो राज्य में हालात को सामान्य बनाने के लिए पूरी तरह प्रयास कर रही हैं।सरकार के पास कर्फ्यू के अलावा दूसरा विकल्प नहीं था। अगर वो कर्फ्यू नहीं लगातीं तो और क्या करतीं।महबूबा ने कहा कि पीएम घाटी के हालात से चिंतित हैं। वो चाहते हैं कि इस मामले में जल्द से जल्द समाधान खोजा जाए। जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करना ही पीडीपी और भाजपा का लक्ष्य है।
पाक को महूबबा का संदेश
उन्होंने पाक को स्पष्ट संदेश दिया कि वो युवकों बरगलाने से बाज आए।पाकिस्तान सुरक्षाबलों के जवानों को उकसाना बंद करे। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान में इंसानियत है तो वो इस तरह की हरकत न करे।पाकिस्तान में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ व्यवहार हुआ वो गलत था। पाकिस्तान ने बातचीत के एक बेहतरीन मौके को खो दिया। पाकिस्तान को अपने नापाक मंसूबों से बाज आना चाहिए। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की पहल की । अपने शपथ ग्रहण समारोह में नवाज शरीफ को बुलाया और खुद लाहौर भी गए। लेकिन बदकिस्मती ये रही कि उसके बाद पठानकोट हुआ।पाकिस्तान लगातार घाटी में माहौल को खराब कर रहा है।
वाजपेयी सरकार सुलझा सकती थी ये मुद्दा
वाजपेयी सरकार की सराहना करते हुए महबूबा ने कहा कि वो सरकार इस समस्या को सुलझा सकती थी। भारत के लोकतंत्र में सबसे ज्यादा आजादी है। घाटी में बातचीत उन्हीं से हो सकती है।जो शांति चाहते हैं। महबूबा ने भावुक अपील करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर की अवाम शांति स्थापित करने में उनकी मदद करें।
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अलगाववादी करें सहयोग
महबूबा ने कहा कि पांच प्रतिशत लोग गरीबों के बच्चों को उकसाते हैं। सरकार के सामने मौजूदा हालात में कर्फ्यू लगाने के अलावा दूसरा उपाय नहीं है। अगर सरकार कर्फ्यू न लगाए तो क्या करे। उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या से निपटने के लिए अलगाववादियों को भी आगे आना चाहिए। वो अपनी जिम्मेदारी से मुंह कैसे मोड़ सकते हैं।
इस मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद थे। पीएम से मुलाकात के बाद महबूबा दूसरे केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगी।
विरोधियों के निशाने पर महबूबा
महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुस्तफा कमाल ने कहा कि उनका आचरण और वक्तव्य तथ्यों से परे है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि घाटी के हालात चिंताजनक हैं। हम हर एक दिन हिंसा की खबरें सुन रहे हैं। उन्होंने खुफिया एजेंसी रॉ के चीफ का हवाला देते हुए कहा कि दक्षिण कश्मीर पीडीपी का गढ़ था। लेकिन आज वो आजाद इलाका बन चुका है।
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गौरतलब है कि आतंकी बुरहान वानी के सफाए के बाद कश्मीर घाटी के अलग अलग हिस्सों में पिछले 50 दिनों से हिंसा और कर्फ्यू जारी है।जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा में अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है।गृहमंत्री के मिशन कश्मीर दौरे के समय पुलवामा में सुरक्षाबलों से झड़प के बाद एक युवक की जान चली गयी थी।