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मोदी को जयललिता की चुनौती, तमिलनाडु करे देश का नेतृत्व

चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा जाहिर कर दी। हालांकि, इस बारे में जयललिता ने खुद तो कुछ नहीं कहा, लेकिन गुरुवार को अन्नाद्रमुक की आमसभा में पारित प्रस्ताव में इसकी झलक जरूर दिखाई दी है। प्रस्ताव के अनुसार, इस बार तमिलनाडु के किसी नेता को प्रधानमंत्री बनना चाहिए। खास बात यह है कि इसमें

By Edited By: Updated: Fri, 20 Dec 2013 01:57 AM (IST)
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चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा जाहिर कर दी। हालांकि, इस बारे में जयललिता ने खुद तो कुछ नहीं कहा, लेकिन गुरुवार को अन्नाद्रमुक की आमसभा में पारित प्रस्ताव में इसकी झलक जरूर दिखाई दी है। प्रस्ताव के अनुसार, इस बार तमिलनाडु के किसी नेता को प्रधानमंत्री बनना चाहिए। खास बात यह है कि इसमें जयललिता का नाम नहीं लिया गया है कि लेकिन स्पष्ट है कि अन्नाद्रमुक ने प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी सुप्रीमो का नाम जरूर आगे बढ़ा दिया है।

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जयललिता की अध्यक्षता में हुई आमसभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि गुजरात, पंजाब आदि राज्यों से प्रधानमंत्री रह चुके हैं। अब समय आ गया है कि तमिलनाडु से कोई नेता देश का नेतृत्व करे। आमसभा में जयललिता को इस बात के लिए अधिकृत किया गया कि वह केंद्र में गठबंधन के बारे में अंतिम फैसला लें। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 39 सीटें हासिल कर अपनी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी पार्टी द्रमुक का वजूद खत्म कर दें।

आमसभा में एक बार फिर कोलंबो में हुए राष्ट्रमंडल देशों के प्रमुखों के सम्मेलन (चोगम), श्रीलंकाई नौसैनिकों द्वारा भारतीय मछुआरों को पकड़ने और भारत में उनके नौसैनिकों को प्रशिक्षण देने का विरोध किया गया। इससे पहले आमसभा में नेल्सन मंडेला और दिवंगत विधायक सी. पेरुमल को श्रद्धांजलि दी गई।

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