कश्मीर मे जिहाद समर्थकों ने पहली बार किया आइएसआइएस का विरोध
कश्मीर मे पहली बार आतंकी संगठन आइएसआइएस के खिलाफ पोस्टर और बैनर भी लहराए गए।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर घाटी के युवाओं और अलगाववादी समर्थकों को अब हकीकत समझ आने लगी है। शुक्रवार को श्रीनगर के डाउन-टाउन मे नमाज-ए-जुमा के बाद भारत विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के साथ पाकिस्तानी झंडा तो लहराया गया। लेकिन कश्मीर मे पहली बार आतंकी संगठन आइएसआइएस के खिलाफ पोस्टर और बैनर भी लहराए गए। नकाब पहने युवकों के बैनर पर लिखा था, 'जो दायश और आइएसआइएस कहता है कि खुदा ने इस्रायल के खिलाफ जेहाद का हुक्म नही दिया है तो फिर मुस्लिमों का कत्ल करना, मस्जिदों को बम से उड़ाना कौन से खुदा का हुक्म और जिहाद है।' यह पहला मौका है जब कश्मीर मे जिहाद समर्थकों ने आइएसआइएस को लताड़ा है।
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कश्मीर मे बीते दो सालों से आइएस के झंडे और बैनर लगातार नजर आ रहे हैं। डाउन-टाउन जिसे अलगाववादियो का गढ़ माना जाता है, वहां हर शुक्रवार को जब भी भारत विरोधी जुलूस और नारेबाजी होती है तो पाकिस्तान व विभिन्न आतंकी संगठनो के झंडे और बैनरो के साथ आइएस का झंडा भी सबसे आगे लहराते हुए युवकों का एक दल निकलता है।
शुक्रवार दोपहर को एेतिहासिक जामिया मस्जिद मे नमाज से पूर्व पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं, लेकिन इस बार आजादी समर्थक और भारत विरोधी नारेबाजी के साथ पथराव करने वालो की भीड़ एक ही जगह जमा नही हुई बल्कि वह अलग-अलग हिस्सो मे बंट गई और नौहट्टा, जामिया मस्जिद, राजौरीकदल व सर्राफ कदल मे फैल गई। पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों पर जल्द ही काबू पा लिया और पूरे इलाके मे विधि व्यवस्था बहाल कर ली, लेकिन पथराव कर रही भीड़ मे कुछ युवको ने आइएस के खिलाफ बैनर उठा रखा था।
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डाउन-टाउन मे पत्थरबाजों को खदेड़ने और विधि व्यवस्था बहाल करने के बाद अपने कार्यालय की तरफ लौटते एसपी रैक के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मै आज के दिन को लेकर बहुत हैरान हूं। जबसे मैं इस इलाके में हूं, पहली बार शुक्रवार के दिन पथराव की तीव्रता कम रही है। जल्द ही स्थिति पर काबू पा लिया गया और सबसे बड़ी बात यह कि पहली बार किसी इस्लामिक आतंकी संगठन के खिलाफ जामिया मस्जिद के बाहर वह लोग पोस्टर लेकर नजर आए हैं जो कश्मीर मे जिहाद को जायज ठहराते हैं।
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