बदनामी के डर से भ्रष्ट जजों पर नहीं हुई कार्रवाई: जस्टिस काटजू
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने एक बार फिर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार का मामला उठाया है। इस बार ब्लॉग लिखकर काटजू ने खुलासा किया है कि जब वो इलाहबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे तो उन्होंने वहां काम कर रहे कई भ्रष्ट जजों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस कपाड़िया को इसकी जानकारी दी थी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने एक बार फिर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार का मामला उठाया है। इस बार ब्लॉग लिखकर काटजू ने खुलासा किया है कि जब वो इलाहबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे तो उन्होंने वहां काम कर रहे कई भ्रष्ट जजों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस कपाड़िया को इसकी जानकारी दी थी। लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने अपने ब्लॉग में यह भी लिखा है कि पूर्व सीजेआई ने न्यायपालिका की बदनामी के डर से भ्रष्ट जजों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कडेय काटजू ने अपने ब्लॉग में न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के मुद्दे को एक बार फिर से उठाया है। इस ब्लॉग के माध्यम से उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। काटजू ने लिखा है कि तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस कपाड़िया को इस जज के बारे में काफी शिकायतें मिलीं थीं कि वह भ्रष्टाचार में लिप्त है। जस्टिस कपाड़िया ने उन्हें इस मामले की सच्चाई का पता लगाने को कहा। काटजू आगे लिखते हैं कि वह उस वक्त सुप्रीम कोर्ट में जज थे। कुछ दिनों बाद वह एक समारोह में हिस्सा लेने के लिए इलाहाबाद गए। जहां पर उन्होंने तीन वकीलों से संपर्क किया और उन्हें इस जज के एजेंटों के तीन मोबाइल नंबर भी मिले, जिनकी सहायता से ये पैसे लिया करते थे। दिल्ली वापस आने के बाद उन्होंने ये तीनों मोबाइल नंबर जस्टिस कपाड़िया को दे दिए और कहा कि इन नंबरों को इंटेलिजेंस एजेंसी से कह कर टेप करवाना चाहिए। दो महीनों बाद जस्टिस कपाड़िया ने उन्हें बताया कि उन नंबरों को टेप कराए जाने के बाद उस जज के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की बात पूरी तरह से सिद्ध हो गई है।