Move to Jagran APP

ज्योति हत्याकांड: सिंधी समाज करेगा पीयूष-मनीषा के परिवार का बहिष्कार!

पत्नी ज्योति श्यामदसानी की हत्या के आरोप में जेल में बंद कानपुर के पीयूष श्यामदसानी व उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा की कारगुजारी से बदनामी का दंश झेल रहे श्यामदसानी और मखीजा परिवार को सिंधी समाज के बहिष्कार का सामना भी करना पड़ सकता है। शहर में सिंधी समाज की पंचायतों में इस बारे में विचार चल रहा है। जन्माष्टमी के बाद इस

By Edited By: Updated: Thu, 14 Aug 2014 12:10 PM (IST)
Hero Image

लखनऊ। पत्नी ज्योति श्यामदसानी की हत्या के आरोप में जेल में बंद कानपुर के पीयूष श्यामदसानी व उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा की कारगुजारी से बदनामी का दंश झेल रहे श्यामदसानी और मखीजा परिवार को सिंधी समाज के बहिष्कार का सामना भी करना पड़ सकता है। शहर में सिंधी समाज की पंचायतों में इस बारे में विचार चल रहा है। जन्माष्टमी के बाद इस संबंध में पंचायतों की बैठक हो सकती है।

ज्योति की हत्या के बाद उसके पिता शंकर नागदेव ने समधी ओमप्रकाश श्यामदसानी को लेकर पहले नरमी दिखाते हुए कहा था कि वह अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन जब ज्योति के हत्यारोपी पति पीयूष को बचाने को शहर के उद्योगपति और नेता आगे आए तो शंकर नागदेव ने ओम प्रकाश श्यामदसानी को धोखेबाज करार दे दिया। उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि जिनके भी बेटियां हैं, वे ज्योति को न्याय दिलाने की लड़ाई में आगे आएं और उन सभी का विरोध करें जो पीयूष व उसकी प्रेमिका मनीषा को बचाने के लिए प्रयासरत हैं।

उन्होंने दोनों के परिवार का बहिष्कार करने की अपील भी समाज से की थी। ज्योति के पिता की अपील की सिंधी समाज में जोरदार प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सिंधी समाज की कई पंचायतें पीयूष व मनीषा के परिवार के बहिष्कार के पक्ष में हैं।

पीयूष व मनीषा के साथ परिवारवाले भी दोषी

पंचायतों के प्रमुख ने कहा है कि ज्योति की हत्या के लिए जितने दोषी पीयूष व मनीषा हैं, उतना ही उनके परिवारवाले भी हैं। ऐसा नहीं है कि ज्योति ने ससुराल में अपनी पीड़ा न बताई हो। लेकिन बेटे के मोह में उन लोगों ने मुंह नहीं खोला। समाज उनका बहिष्कार करेगा। ज्योति की हत्या में पीयूष व मनीषा का दोष सबसे अधिक है।

मिल सकते थे खून के निशान

27 जुलाई को ज्योति की हत्या के बाद पुलिस ने तीसरे दिन 29 जुलाई को पनकी थाने जाकर कार के अंदर से सबूत जुटाए थे। कार में तीन चाकू व एक रुमाल मिला था। पुलिस ने इसे सील कर दिया था। पुलिस चाहती तो हत्यारोपियों के नाखूनों से सैंपल ले सकती थी, जो नहीं लिए गए। नाखूनों में भरा खून कई दिनों तक नहीं मिटता।

ज्योति के नाखूनों में किसके बाल

ज्योति के शव के पोस्टमार्टम के समय उसके नाखूनों में बाल मिले थे। हत्यारोपी अवधेश ने स्वीकारा था कि ज्योति ने पीयूष को रोकने के लिए पहले उसकी टीशर्ट बाद में बाल पकड़कर खींचे थे। ऐसे में हो सकता है कि ज्योति के नाखूनों में फंसे बाल पीयूष के हों।

पढ़ें: शंकर नागदेव को यूपी के सीएम पर भरोसा, लखनऊ में मिले ज्योति के पिता

ज्योति हत्याकांड में मिले पुख्ता सबूत, रिमांड खत्म