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कफेतुल्ला ही चला रहा था जासूसी का नेटवर्क

राजौरी से पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी का पूरा नेटवर्क शिक्षा कर्मी कफेतुल्ला खान ही चला रहा था।

By Sachin BajpaiEdited By: Updated: Sun, 06 Dec 2015 03:17 AM (IST)
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राजौरी,गगन कोहली । राजौरी से पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी का पूरा नेटवर्क शिक्षा कर्मी कफेतुल्ला खान ही चला रहा था। वह अपने साथ लोगों को शामिल करता और उनके खाते में पैसे जमा करवाने के बाद अपने ईमेल से पाक में खुफिया जानकारी मेल करता। किसी को कोई शक न हो इसके लिए आइएसआइ ने 'राजकुमार120 जीमेल' की आइडी बना रखी थी।

इस आइडी पर कफेतुल्ला अपनी ईमेल 'आइडी कफायत64' से मेल करता था। यह मेल सीधे आइएसआइ के अधिकारी फैसल के पास पहुंचती और उसके बाद आगे की रणनीति तैयार करके आतंकियों को भारतीय क्षेत्र में भेजने से लेकर सेना पर हमले करवाने तक की साजिश रची जाती थी।

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कफेतुल्ला ने जासूसी के नेटवर्क में पूर्व सैनिकों, अध्यापकों, सीमा सुरक्षा बल के जवानों को भी शामिल कर रखा था। इनमें इस समय एक जवान पश्चिम बंगाल में तैनात है और दूसरा जम्मू में। इन दोनों को भी जल्द दिल्ली पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। ये सभी लोग कफेतुल्ला के एक इशारे पर हर जानकारी देते थे।

कारगिल की जंग लड़ चुका है पूर्व हवलदार

शुक्रवार शाम थन्नामंडी से गिरफ्तार हुआ सेना का पूर्व हवलदार मनवर हुसैन कारगिल की जंग भी लड़ चुका है और पिछले एक वर्ष से पीडीपी के सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर कार्य कर रहा है। मनवर की अक्सर कफेतुल्ला से फोन पर बातचीत होती और वह उसे कई अहम जानकारियां देता था।

सीडी में डाटा कफेतुल्ला तक पहुंचाता था साबर

राजौरी से शनिवार को गिरफ्तार किया गया शिक्षक मुहम्मद साबर कफेतुल्ला द्वारा दिए गए दस्तावेजों के साथ अन्य डाटा सीडी में डालकर उसे पूरी तरह से तैयार करके वापस कफायत को देता था। कफायत इस सीडी के जरिए आइएसआइ को डाटा मेल करता था। साबर के खाते में कई बार कफायत ने पैसे भी जमा करवाए हैं।

शिक्षक साबर ने पूर्व हवलदार मनवर अहमद मीर से कफेतुल्ला को मिलवाया था। इसके बाद मीर ने कफेतुल्ला के साथ दो जवानों एक फरीद जो पश्चिम बंगाल में तैनात है और दूसरा जोगेंद्र जो जम्मू में तैनात है, को मिलवाया और उसके बाद यह दोनों भी कफेतुल्ला के लिए काम करने लगे।

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डीआईजी राजौरी-पुंछ रेंज अशोक कुमार अत्री ने बताया कि 'दिल्ली पुलिस ने हमारी पुलिस के साथ कई जगह दबिश दी है। राजौरी जिले से अब तक चार आइएसआइ के एजेंट गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके बाद हमने सभी पूर्व आतंकियों के साथ ओजीडब्ल्यू व संदिग्ध लोगों पर नजर रखना शुरू कर दिया है।'