कावेरी मुद्दे पर कर्नाटक में जबरदस्त विरोध, बेंगलुरु-मैसूर हाइवे बंद
कावेरी जलविवाद में दिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कावेरी होराता समिति ने आज मांड्या में बंद का आह्वान किया है। वहीं इस संबंध में कर्नाटक के सीएम ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 06 Sep 2016 06:18 PM (IST)
मंड्या (कर्नाटक), प्रेट्र। कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को जारी करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के प्रति कर्नाटक में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को कई जगह धरना-प्रदर्शनों के अलावा कन्नड़ समर्थक संगठनों से जुड़े किसानों और कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु-मैसूर राजमार्ग को भी जाम कर दिया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर कर्नाटक को आदेश दिया है कि वह 10 दिनों तक तमिलनाडु को प्रतिदिन 15,000 क्यूसेक पानी जारी करे, ताकि किसानों की समस्याओं का निराकरण किया सके। इस याचिका के जरिये तमिलनाडु ने कावेरी नदी के 50.52 टीएमसी फीट पानी की मांग की थी। कावेरी नदी के पानी को लेकर राजनीति का केंद्र रहे मंड्या जिले में प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह रास्ते बाधित किए और धरने दिए। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी कार्यालयों को घेरकर उनमें तोड़फोड़ की। इस कारण कार्यालयों को बंद करना पड़ा। वहां उपस्थिति भी बेहद कम रही। जिले में दुकानें, होटल और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई। राज्य परिवहन के साथ-साथ निजी बसें भी नहीं चलीं। मैसूर और हसन जिले में भी धरना प्रदर्शन किए गए। कई स्थानों पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के पुतले फूंके गए। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि कर्नाटक कावेरी नदी का पानी जारी न करे।
इस बीच, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों को कावेरी नदी क्षेत्र में तैनात कर दिया गया है। कृष्णाराजसागर बांध के आसपास निषेधाज्ञा लागू करके नौ सितंबर तक लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। कर्नाटक सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने आगे की रणनीति तय करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों, कानूनी विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ बैठक भी की। राज्य के कानून और संसदीय कार्य मंत्री टीबी जयचंद्र ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है और सरकार को कावेरी पर्यवेक्षी समिति के समक्ष जाकर उसे राजी करना पड़ेगा।द्रमुक ने पानी की मात्रा को बताया नाकाफी
चेन्नई, प्रेट्र। तमिलनाडु में विपक्षी दल द्रमुक के प्रमुख एम. करुणानिधि ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी नदी के पानी की जितनी मात्रा जारी करने का निर्देश दिया है, वह काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश से राज्य को सिर्फ 13 टीएमसी फीट पानी ही मिल पाएगा, जबकि जरूरत 200 टीएमसी फीट पानी की है। उन्होंने राज्य की अन्नाद्रमुक सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले में अपने अगले कदम के बारे में बताए।
तमिलनाडु के लिए दस दिन में 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़े कर्नाटक: सुप्रीम कोर्ट