अलगाववादियों के खिलाफ दिल्ली में जुटेंगे कश्मीरी पंडित
कश्मीरी पंडितों को घाटी वापस भेजने के लिए प्रस्तावित कॉलोनियों में क्षेत्र के मुस्लिमों को भी जगह मिलेगी। दरअसल, कश्मीर में पंडितों की सेटेलाइट कॉलोनी का मुद्दा गर्माने के बाद सत्ताधारी पीडीपी इस मुद्दे पर मुखर हो गई थी कि घाटी में पंडितों को अलग से बसाना उचित नहीं है।
जम्मू [जासं]। पहली बार कश्मीरी पंडित बिना किसी शीर्ष नेता के नेतृत्व के वादी में पुनर्वास का विरोध कर रहे अलगाववादियों के रवैये के खिलाफ तीन मई को दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। इसमें दिल्ली व देश के अन्य भागों में रहने वाले कश्मीरी पंडित हिस्सा लेंगे। काफी संख्या में प्रदर्शन में भाग लेने वाले कश्मीरी पंडित संदेश देंगे कि केंद्र सरकार वादी में पुनर्वास को लेकर जो भी फैसला करे, उसमें उनकी राय को जानना जरूरी होगा। उनके द्वारा पंडितों के सामूहिक नरसंहार की जांच के लिए आयोग के गठन की मांग भी की जा रही है।तीन मई को प्रदर्शन में भाग लेने वाले कश्मीरी पंडित संगठनों में ऑल इंडिया कश्मीरी पंडित समाज, पनुन कश्मीर, ऑल स्टेट कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस, कश्मीरी दिल्ली समिति, कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस व ऑल पार्टीज माइग्रेंट्स कोऑर्डिनेशन कमेटी समेत कई अन्य संगठन शामिल हैं।
पंडितों के लिए टाउनशिप में मुस्लिमों को भी मिलेगी जगह जम्मू [जागरण ब्यूरो]। कश्मीरी पंडितों को घाटी वापस भेजने के लिए प्रस्तावित कॉलोनियों में क्षेत्र के मुस्लिमों को भी जगह मिलेगी। दरअसल, कश्मीर में पंडितों की सेटेलाइट कॉलोनी का मुद्दा गर्माने के बाद सत्ताधारी पीडीपी इस मुद्दे पर मुखर हो गई थी कि घाटी में पंडितों को अलग से बसाना उचित नहीं है। ऐसे हालात में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार की योजना पर स्पष्ट कर दिया है कि प्रस्तावित कॉलोनियों में सिर्फ पंडित ही नहीं, मुस्लिम भी रह सकेंगे। कॉलोनियों में 50 फीसद मकान पंडित के लिए आरक्षित होंगे। हर कॉलोनी में ढाई-ढाई हजार पंडित परिवार होंगे। उन्हें कॉलोनियों में फ्लैट खरीदने के लिए बीस लाख रुपये का अनुदान केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने की योजना है।