काटजू ने ममता बनर्जी को तानाशाह कहा
नई दिल्ली। जनसभा के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल करने वाले किसान को जेल में डालने के बाद उनकी तीखी आलोचना शुरू हो गई है। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने शुक्रवार को उन्हें तानाशाह, असहिष्णु और झक्की करार देते हुए कहा कि वे राजनीतिक नेतृत्व के काबिल नहीं हैं। भाजपा ने न
By Edited By: Updated: Sun, 12 Aug 2012 09:07 PM (IST)
नई दिल्ली। जनसभा के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल करने वाले किसान को जेल में डालने के बाद उनकी तीखी आलोचना शुरू हो गई है। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने शुक्रवार को उन्हें तानाशाह, असहिष्णु और झक्की करार देते हुए कहा कि वे राजनीतिक नेतृत्व के काबिल नहीं हैं। भाजपा ने नागरिकों पर ऐसी कार्रवाई को गैरजिम्मेदाराना कहा है तो माकपा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और भयावह बताया है।
किसान की गिरफ्तारी पर आश्चर्यचकित काटजू ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ममता बनर्जी का यह कृत्य व्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन और राज्य मशीनरी का खुला दुरुपयोग है। उनका यह काम बेहद अलोकतांत्रिक है। उनकी मैंने पहले तारीफ की थी, लेकिन अब मैंने उनके बारे में अपनी धारणा बदल ली है। कुल मिलाकर ममता बनर्जी भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में राजनीति नेतृत्व के योग्य नहीं हैं, जब तक उनके पास संवैधानिक और नागरिक अधिकारों लिए सम्मान नहीं है। ममता बनर्जी की एक रैली के दौरान सिलादित्य चौधरी नाम के एक किसान ने उनसे पूछा था कि आपने अब तक किसानों के लिए क्या किया है? किसान मर रहे हैं, कोरे वादे से काम नहीं चलेगा। ममता बनर्जी ने वहीं पर उसे माओवादी करार दिया और उनके निर्देश पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे जेल भेज दिया गया है। इस घटना पर भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि सवालों के जवाब देना नेताओं की जिम्मेदारी है और वे इससे भाग नहीं सकते। नेताओं को जवाब देना होगा। नागरिकों पर ऐसी कार्रवाई गैरजिम्मेदाराना है। माकपा सांसद नीलोत्पल बसु ने कहा कि सवाल पूछने के बदले नागरिकों के खिलाफ राज्य मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है। बंगाल सरकार अपनी तनिक भी आलोचना सुनने को तैयार नहीं है।
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