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भाजपा को शिवसेना की नसीहत, 'पैर जमीन पर रखो, हवा में मत उड़ो'

उपचुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन पर शिवसेना ने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा है कि भाजपा को अपने पैर जमीन पर रखने चाहिए और इन परिणामों से उसे सबक लेना चाहिए। शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन अब उपचुनाव के परिणाम ठीक उल्टे रहे हैं। यह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सबक है। यह सबक सभी के लिए है कि किसी को भी हल्के में नहीं लें।

By Edited By: Updated: Wed, 17 Sep 2014 01:32 PM (IST)
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मुंबई। उपचुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन पर शिवसेना ने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा है कि भाजपा को अपने पैर जमीन पर रखने चाहिए और इन परिणामों से उसे सबक लेना चाहिए। शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन अब उपचुनाव के परिणाम ठीक उल्टे रहे हैं। यह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सबक है। यह सबक सभी के लिए है कि किसी को भी हल्के में नहीं लें।

संपादकीय में कहा गया है कि लोगों का मन अस्थिर है। उपचुनाव के परिणाम 15 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एक सबक हैं। शिवसेना ने कहा है कि अपने पैर जमीन पर रखो। लोकसभा चुनावों में मिली जीत की हवा में मत उड़ो। जो इसको समझने में कामयाब होंगे, वे ही चुनाव विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेंगे। नहीं तो जनता वह करेगी जो आवश्यक होगा।

भाजपा को यूपी, राजस्थान और गुजरात में विधानसभा उपचुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पहले उसके पास 23 सीटें थी उनमें से 13 सीटें हार गई है। राजस्थान और गुजरात में उपचुनाव में कांग्रेस ने अद्भुत प्रदर्शन किया है।

शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि उपचुनाव के परिणामों को मोदी लहर से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। बल्कि यह ध्यान में रखना चाहिए कि आम चुनावों और राज्यों के विधानसभा चुनावों में अंतर होता है। इसमें कहा गया, मोदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन मोदी का 100 दिन का काम लोगों तक नहीं पहुंचा तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

शिवसेना ने कहा कि महंत आदित्यनाथ ने लव जिहाद का मुद्दा उठाया, लेकिन उपचुनाव के परिणामों से दिखा कि यह मुद्दा बेअसर साबित हुआ है। उपचुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन का श्रेय सोनिया या राहुल गांधी को नहीं देना चाहिए। इसी तरह किसी को यह दावा भी नहीं करना चाहिए कि जनादेश मोदी के खिलाफ है।

शिवसेना के संपादकीय में की गई इस तल्ख टिप्पणी को भाजपा के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि वह महाराष्ट्र में ज्यादा सीटों की मांग को खामोश रखे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज मुंबई में वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक में शिवसेना के साथ सीट साझा किए जाने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

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