विधायकों के टूटने के डर से बेचैन हैं केजरीवाल: कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने विधायकों के टूटने के डर से बेचैन हैं। पार्टी का कहना है कि उन्होंने अपने विधायकों पर दबाव बनाने के लिए ही जंतर-मंतर पर रैली का आयोजन किया था। पार्टी ने केजरीवाल पर उद्योगपतियों से सांठगांठ करने का आरोप भी लगाया
By Edited By: Updated: Tue, 05 Aug 2014 08:03 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने विधायकों के टूटने के डर से बेचैन हैं। पार्टी का कहना है कि उन्होंने अपने विधायकों पर दबाव बनाने के लिए ही जंतर-मंतर पर रैली का आयोजन किया था। पार्टी ने केजरीवाल पर उद्योगपतियों से सांठगांठ करने का आरोप भी लगाया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, विधायक दल के नेता हारून यूसुफ, मुख्य प्रवक्ता मुकेश शर्मा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री ने सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में आप व इसके संयोजक अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला। नेताओं ने कहा कि अब केजरीवाल जनलोकपाल लाने और भ्रष्टाचार समाप्त करने की बात नहीं करते क्योंकि यह नारा उन्होंने केवल सत्ता हासिल करने के लिए दिया था। लवली ने कहा कि दिल्ली के लोग जब बिजली-पानी की किल्लत से त्रस्त थे, तब केजरीवाल चुप थे, लोग महंगाई से परेशान हैं, तब भी वे चुप हैं लेकिन दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिए वे रैलियां कर रहे हैं। लेकिन उन्हें विचार करना चाहिए कि आखिर दिल्ली में उन्हें कोई किराये पर मकान देने को तैयार क्यों नहीं है। मुकेश शर्मा ने कहा कि उन्हें इस बात की पुख्ता सूचना मिली है कि आप के 15 विधायकों की एक उद्योगपति के माध्यम से भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की बातचीत चल रही है। इसकी जानकारी अरविंद केजरीवाल को भी है। शर्मा ने कहा कि यदि भाजपा की सरकार बनती है तो केजरीवाल नेता विपक्ष बनकर सत्ता के सारे सुख भोगेंगे। लवली ने कहा कि कैग रिपोर्ट का हवाला देकर जो लोग अनधिकृत कॉलोनियों के मामले में कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं, वे असल में इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों का हित नहीं देख सकते। लवली ने कहा कि कांग्रेस को इस बात का गर्व है कि उसने शहर की 895 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित कर दिया। यदि दोबारा सत्ता मिली तो वह बाकी कॉलोनियों को भी नियमित करेगी। हारून ने कहा कि तीन हजार करोड़ को लेकर भाजपा को दिल्ली में गड़बड़ी नजर आती है लेकिन कैग द्वारा ही गुजरात सरकार को लेकर 27,600 करोड़ की अनियमितता का उल्लेख नजर नहीं आता।