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ओछी हरकत कर रहे केजरीवाल : भाजपा

आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा में ऑटो के पीछे लगाए जा रहे पोस्टर में जगदीश मुखी को भाजपा का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताए जाने पर भाजपा ने कड़ी नाराजगी जताई है। भाजपा ने इसे पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओछी हरकत करार दिया है। भाजपा का कहना है कि

By Abhishake PandeyEdited By: Updated: Mon, 08 Dec 2014 09:24 AM (IST)
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा में ऑटो के पीछे लगाए जा रहे पोस्टर में जगदीश मुखी को भाजपा का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताए जाने पर भाजपा ने कड़ी नाराजगी जताई है। भाजपा ने इसे पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओछी हरकत करार दिया है। भाजपा का कहना है कि मुद्दाविहीन केजरीवाल अपनी पोल खुलने से हताश होकर एक बार फिर दिल्लीवासियों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, इसका जवाब उन्हें मतदाता आगामी विधानसभा चुनाव में दे देंगे।

उल्लेखनीय है कि पोस्टर में जगदीश मुखी को भाजपा का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताकर अरविंद केजरीवाल के साथ उनकी तुलना की जा रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि नरेंद्र मोदी के विकास कार्यो से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह केजरीवाल की सोची समझी साजिश है, क्योंकि पार्टी ने किसी को भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना या न करना उसका अंदरूनी मामला है। पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ने का फैसला किया है, इसमें मुख्य मुद्दा विकास होगा। के लोग भी राजधानी के विकास के लिए भाजपा के साथ हैं। इसलिए तमाम राजनीतिक दलों के नेता तथा समाज के प्रतिनिधि भी भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं। आप के दो पूर्व विधायक मनिंदर सिंह धीर तथा अशोक कुमार चौहान, पार्टी के संस्थापक सदस्य अश्वनी उपाध्याय सहित कई नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं।

गुमराह करने का आरोप लगाया

भाजपा का कहना है कि लोगों को भ्रमित करना केजरीवाल व उनके साथियों की पुरानी आदत है। पिछले विधानसभा चुनाव में तो उन्होंने लोगों को गुमराह कर के सता हासिल कर ली थी, लेकिन अब जनता उनकी असलियत जान गई है। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में सिर माथे पर बैठाने वाली पार्टी को के लोगों ने लोकसभा चुनाव में पूरी तरह से नकार दिया था। इसके बावजूद आप के नेता अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं। पार्टी का कहना है कि एक तरफ आप का जनाधार खिसक रहा है तो दूसरी ओर केजरीवाल के पुराने साथी भी उनका साथ छोड़ने लगे हैं। अन्ना आंदोलन से लेकर आप के गठन में उनके सहयोगी रहे लोग उनसे दूर जा रहे हैं और इस वजह से पार्टी कार्यकर्ता हताश हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यो से प्रभावित होकर लोग भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं। इससे बौखलाकर केजरीवाल भ्रामक प्रचार पर उतर आए हैं।भाजपा किसे मुख्यमंत्री बनाएगी इसकी चिंता करने के बजाय अरविंद केजरीवाल अपना घर बचाने पर ध्यान दें। उनकी असलियत सामने आने पर उनके पुराने साथी पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। छोटी-छोटी बातों पर जनता की अनुमति लेने की बात करने वाले केजरीवाल को बताना चाहिए कि उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के लिए कब और कहां रायशुमारी कराई है?’

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