दिल्ली विधानसभा में जन लोकपाल बिल पास कराने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार अड़ गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ कह दिया कि यदि दूसरे दलों से समर्थन न मिलने के कारण यह बिल पास नहीं होता है तो वह इस्तीफा दे देंगे। इस बीच उनकी सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि यह केजरीवाल की जिम्मेदारियों से दूर भागने की रणनीति है। अगर जन लोकपाल बिल को संवैधानिक तरीके से लाया जाएगा तो पार्टी उसका पूरा समर्थन करेगी।
By Edited By: Updated: Mon, 10 Feb 2014 07:33 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विधानसभा में जन लोकपाल बिल पास कराने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार अड़ गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साफ कह दिया कि यदि दूसरे दलों से समर्थन न मिलने के कारण यह बिल पास नहीं होता है तो वह इस्तीफा दे देंगे। इस बीच उनकी सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि यह केजरीवाल की जिम्मेदारियों से दूर भागने की रणनीति है। अगर जन लोकपाल बिल को संवैधानिक तरीके से लाया जाएगा तो पार्टी उसका पूरा समर्थन करेगी।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित दूसरे साहित्य उत्सव के अंतिम दिन रविवार को केजरीवाल ने कहा, 'मैं सरकार चलाने या मुख्यमंत्री बनने नहीं आया हूं, भ्रष्टाचार मिटाने आया हूं। मेरा मकसद जन लोकपाल बिल लाना है। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी सौ बार कुर्बान है। अगर बिल पास नहीं हुआ तो इस्तीफा दे दूंगा।' उन्होंने कहा कि जन लोकपाल बिल और स्वराज बिल विधानसभा में गुरुवार को पेश किया जाएगा।
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जन लोकपाल पर केजरीवाल किसी हद तक जाने को तैयार इधर, रविवार को ही आप की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस बैठक में तय किया कि जन लोकपाल बिल को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा, भले ही सरकार की बलि चढ़ानी पड़े। ज्ञात हो कि 70 सदस्यों की विधानसभा में विनोद कुमार बिन्नी को पार्टी द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद आप के सदस्यों की संख्या 28 से घटकर 27 रह गई है। कांग्रेस के आठ और भाजपा के 32 विधायक हैं। बिल का विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के साथ ही केजरीवाल सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस भी विरोध कर रही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि राष्ट्रमंडल खेल परियोजनाओं में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने का निर्णय लेने के कारण कांग्रेस ने अपना विरोध और तीखा कर दिया है।
समर्थन वापस लेंगे शौकीन केजरीवाल सरकार से नाराज मुंडका विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक रामबीर शौकीन ने समर्थन वापस लेने की घोषणा की है। सोमवार को वह उपराज्यपाल से मुलाकात कर उनको समर्थन वापसी का पत्र सौंप देंगे। शौकीन ने कहा, मुझे देहात व कालोनियों का विकास कार्य कराने के लिए चुना गया है। इसी शर्त पर मैंने सरकार को समर्थन दिया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही इन समस्याओं को दूर किया जाएगा पर अब तक कुछ नहीं हुआ। ऐसी सरकार को समर्थन देना गलत है।
'मेरा केजरीवाल को पूरा समर्थन है। अगर जन लोकपाल बिल पास नहीं होता है तो उन्हें अवश्य त्यागपत्र दे देना चाहिए।' -अन्ना हजारे 'क्या जन लोकपाल बिल को पास करने के लिए तैयार किया गया है? या इसलिए कि इस पर विवाद हो और दिल्ली सरकार दूसरों पर दोषारोपण करते हुए अपनी जिम्मेदारियों से बच सके।' -किरण बेदी
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