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केजरीवाल ने रची हमें पार्टी से निकलने की साजिशः योगेंद्र, प्रशांत

आप में राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। पहले वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के इस्तीफा देने की बात पार्टी की तरफ से की गई। इसके कुछ घंटे बाद ही गुरुवार रात दोनों नेताओं ने इस्तीफा दिए जाने की बात को खारिज कर दिया। साथ ही

By Sachin BajpaiEdited By: Updated: Fri, 27 Mar 2015 09:54 AM (IST)
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नोएडा । आप में राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। पहले वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के इस्तीफा देने की बात पार्टी की तरफ से की गई। इसके कुछ घंटे बाद ही गुरुवार रात दोनों नेताओं ने इस्तीफा दिए जाने की बात को खारिज कर दिया। साथ ही पार्टी पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया। दोनों नेताओं ने साफ कर दिया कि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से ई मेल के जरिए की गई मांगों को माने बगैर वह इस्तीफा नहीं देंगे। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने केजरीवाल पर उन्हें पार्टी से निकाले जाने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

इससे पहले आम आदमी पार्टी की ओर से गुरुवार को जानकारी दी गई कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने इस्तीफा दे दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद रात में योगेंद्र यादव और आनंद कुमार सेक्टर 14 में प्रशांत भूषण के घर पहुंचे। जहां तीनों नेताओं ने बैठक की। देर रात मीडिया से बातचीत में प्रशांत भूषण ने कहा कि इस्तीफे की बात गलत है। हमने इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में जो गलत हो रहा था, उसपर सवाल उठाया। पार्टी वेबसाइट पर चंदा मिलने की जानकारी दे रही थी, लेकिन खर्च के बारे में नहीं बताया जा रहा है। दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की डिग्री पर सवाल खड़े हो रहे थे।

पार्टी के प्रत्याशी के यहां से शराब बरामद हुई। इन सब मसलों को पार्टी में उठाया। जिसके बाद हमारा विरोध होने लगा। सही बात करने पर पार्टी के नेता हमारे खिलाफ हो गए। राष्ट्रीय काउंसिल की बैठक में उन लोगों को बुला लिया गया, जो सदस्य ही नहीं थे। जो सदस्य थे उन्हें बुलाया ही नहीं गया। फिर बहुमत का हवाला देकर हमें राजनीतिक मामलों की समिति से बाहर कर दिया गया। हमारे बारे में दुष्प्रचार किया गया। उन्होंने कहा कि हमने कोई इस्तीफा नहीं दिया है। हमने सिर्फ सही बातें उठाई हैं।

योगेंद्र यादव ने भी कहा कि हमने इस्तीफा नहीं दिया है। हमने 17 मार्च को साढ़े बारह बजे ई मेल के जरिए पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को पांच मांगे भेजी थीं। जिसमें राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय काउंसिल के काम को अलग करने, राज्य समिति में राजनीतिक मामलों की समिति के हस्तक्षेप को खत्म करने, पार्टी में स्वराज लागू करने, वालंटियर को महत्व देने, पार्टी में लोकतांत्रिक व्यवस्था को लागू करने की मांग की थी, लेकिन अब तक हमारी मांगे नहीं मानी गई हैं। अगर मांगे मान ली गई तो प्रशांत भूषण को भी मनाकर शनिवार सुबह तक इस्तीफा दे देंगे। इसके पहले इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता।

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