मंगलयान का डिजाइन तैयार करेंगे भारतीय छात्र
कोच्चि। केरल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज की टीम को पहली बार अमेरिका के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी रोवर चैलेंज (यूआरसी) में हिस्सा लेने के लिए चुना गया है। यूआरएस कॉलेज के छात्रों के लिए विश्व की प्रमुख रोबोटिक्स प्रतियोगिता है। इसमें मंगल अभियान के लिए अगली पीढ़ी के रोवर का निर्माण किया जाएगा। इसका इस्तेमाल मंगल पर मानवयुक्त अभियान के साथ हो
कोच्चि। केरल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज की टीम को पहली बार अमेरिका के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी रोवर चैलेंज (यूआरसी) में हिस्सा लेने के लिए चुना गया है। यूआरएस कॉलेज के छात्रों के लिए विश्व की प्रमुख रोबोटिक्स प्रतियोगिता है। इसमें मंगल अभियान के लिए अगली पीढ़ी के रोवर का निर्माण किया जाएगा। इसका इस्तेमाल मंगल पर मानवयुक्त अभियान के साथ होगा।
अराक्कुनम स्थित टोक-एच इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (टीआइएसटी) के पांच छात्रों की टीम को यू यूनिवर्सिटी रोवर चैलेंज (यूआरसी) में भाग लेने और अगली पीढ़ी के मंगलयान बनाने के लिए चुना गया है। यहां जारी एक बयान के मुताबिक, यूआरसी 2014 के अलावा यह टीम प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय वैमानिक प्रतियोगिता (कैनसेट) में भी भाग लेगी और दुनियाभर से आए प्रतिभागियों से मुकाबला करेगी। कैनसेट का उद्देश्य एक वास्तविक उपग्रह के कार्यो की नकल करना है और इस तरह यह प्रतियोगिता इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों का समन्वय है।
कैनसेट प्रतियोगिता आगामी जून में आयोजित की जाएगी, वहीं यूआरसी मई में दक्षिणी उटा के दूरदराज बंजर रेगिस्तान में मंगल रिसर्च स्टेशन (एमडीआरएस) में आयोजित की जाएगी। टीआइएसटी यूआरसी का प्रतिनिधित्व करने वाले छह देशों अमेरिका, भारत, मिस्त्र, पोलैंड, कनाडा और बांग्लादेश की 31 टीमों में एक है। टीआइएसटी की टीम को कैनसैट के लिए लगातार दूसरे वर्ष चयन किया गया है।