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देवयानी को मिली अदालत में पेशी से छूट

वीजा फर्जीवाड़ा मामले में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागडे को न्यूयॉर्क की अदालत में पेशी से छूट मिलने के साथ ही भारत और अमेरिका इस अधिकारी को लेकर उत्पन्न गतिरोध दूर करने की ओर बढ़ते हुए जान पड़ रहे हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उनके तबादले को मान्यता मिल गई है।

By Edited By: Updated: Mon, 23 Dec 2013 09:52 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारतीय महिला राजनयिक देवयानी खोबरागडे को लेकर गतिरोध सुलझाने की कोशिशों में भारत और अमेरिका दोनों ओर से रियायतों के कुछ कदम उठे। वीजा धोखाधड़ी मामले में देवयानी को अदालत में पेशी से छूट मिल गई है। संयुक्त राष्ट्र में स्थानांतरित देवयानी को यूएन अधिमान्यता के बाद राजनयिक विशेषाधिकारों की छतरी भी मिल सकेगी। वहीं भारत ने भी अमेरिकी राजनयिकों के पहचान-पत्र लौटाने के लिए 23 दिसंबर तक दी मियाद में कुछ ढील के संकेत दिए हैं।

महत्वपूर्ण है कि देवयानी को न्यूयॉर्क स्थित भारतीय मिशन में पदस्थापना के बाद संयुक्त राष्ट्र अधिमान्यता मिल गई है। वहीं अमेरिकी विदेश विभाग में कुछ औपचारिकताओं के बाद उन्हें नया पहचान-पत्र दिया जाना है। नई पदस्थापना और अधिमान्यता के बाद देवयानी को पूर्ण राजनयिक विशेषाधिकारों का संरक्षण मिल सकेगा। उन्हें वीजा धोखाधड़ी के मामले में अदालत के सामने पेशी से रियायत मिल गई है। उनकी वकील ने मामले की सुनवाई कर रही न्यूयॉर्क की अदालत के आगे इस बाबत अर्जी लगाई थी। मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होनी है।

इस बीच अमेरिकी दूतावास ने अपने राजनयिकों के पहचान-पत्र और भारत स्थिति अपने कार्यालयों के बाबत विदेश मंत्रालय द्वारा मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए कुछ और समय का आग्रह किया है। इस संबंध में सरकारी सूत्रों ने भी परस्पर सहयोगी रुख के आधार पर रियायत देने के संकेत दिए हैं। सूत्रों ने 23 दिसंबर को खत्म समयावधि के बाद भी सख्त कार्रवाई नहीं किए जाने की पुष्टि की। विदेश मंत्रालय ने अभी तक राज्य प्रोटोकाल विभागों में जमा कराए गए पहचान-पत्रों और सूचनाओं को इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।

देवयानी मामले में केवल बातें नहीं, ठोस कदम उठाए अमेरिका

उल्लेखनीय है कि 1999 बैच की विदेश सेवा अधिकारी खोबरागडे की गिरफ्तारी और उन्हें निर्वस्त्र कर तलाशी लिए जाने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास बढ़ गई थी। इस कार्रवाई के बाद भारत ने भी अमेरिकी राजनयिकों को अपने यहां मिल रही राजनयिक सहूलियतों और रियायतों की समीक्षा शुरू कर दी। इस कड़ी में ही भारत ने कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के सभी राजनयिकों के पहचान-पत्र 23 दिसंबर तक लौटाने को कहा था। साथ ही अमेरिकी दूतावास से जुड़े सभी कर्मचारियों को लेकर जानकारियां भी उपलब्ध कराने को कहा था।

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