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कंधार विमान अपहरण काड का साजिशकर्ता गिरफ्तार

कंधार विमान अपहरण काड में शामिल आतंकी मेहराजुद्दीन डाड उर्फ जावेद को पुलिस ने जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले से गिरफ्तार कर लिया। 13 साल पहले हुए कंधार काड में देश की किसी भी सुरक्षा एजेंसी के लिए यह पहली बड़ी सफलता है। मेहराजुद्दीन ने विमान में सवार पाच अपहरणकर्ताओं के लिए आवश्यक दस्तावेज व अन्य साजो-सामान उपलब्ध कराया था।

By Edited By: Updated: Thu, 13 Sep 2012 09:16 PM (IST)
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जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। कंधार विमान अपहरण काड में शामिल आतंकी मेहराजुद्दीन डाड उर्फ जावेद को पुलिस ने जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले से गिरफ्तार कर लिया। 13 साल पहले हुए कंधार काड में देश की किसी भी सुरक्षा एजेंसी के लिए यह पहली बड़ी सफलता है। मेहराजुद्दीन ने विमान में सवार पाच अपहरणकर्ताओं के लिए आवश्यक दस्तावेज व अन्य साजो-सामान उपलब्ध कराया था।

मेहराजुद्दीन डांड का असली नाम मेहराजुद्दीन वानी है। उसके पिता गुलाम नबी वानी बारामूला जिले की कशवन कालोनी, सोपोर में रहते हैं। मेहराजुद्दीन को रविवार शाम किश्तवाड़ में पकड़ा गया। गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही वह नेपाल से किश्तवाड़ पहुंचा था।

मेहराजुद्दीन आइएसआइ और हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सलाहुद्दीन का खास बहुत समझा जाता है। वह 1992 में पकड़ा गया, लेकिन 1994 के शुरुआत में जेल से छूट गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मेहराजुद्दीन शुरू में हिज्बुल का आतंकी था। बाद में हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी में शामिल हुआ। इसके बाद हरकत-उल-अंसार और बाद में जैश-ए-मुहम्मद में चला गया।

मेहराजुद्दीन जब हरकत-उल-अंसार में था, तभी मसूद अजहर के संपर्क में आया। उसने ही मौलाना मसूद अजहर की रिहाई के लिए आइएसआइ, लश्कर और हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी के साथ मिलकर विमान अपहरण की साजिश रची थी। उसने विमान को अगवा करने वाले आतंकियों के लिए जाली पासपोर्ट, दस्तावेज व हथियारों का बंदोबस्त किया था। 1999 में विमान को अगवा करने वाले आतंकियों में शामिल इब्राहिम मेहराजुद्दीन व रौउफ भी उसके खास दोस्त थे। मेहराजुद्दीन देश के विभिन्न हिस्सों में साठ से ज्यादा आतंकी घटनाओं में प्रमुख भूमिका में रहा है। 1996 में दिल्ली के लाजपत नगर में हुए बम धमाकों में भी उसका ही हाथ था।

यूं हुआ था विमान अपहरण:

इंडियन एयरलाइंस के विमान आइसी-814 ने नेपाल की राजधानी काठमाडु से 24 दिसंबर, 1999 को भारत के लिए उड़ान भरी। इसमें पाच अपहरणकर्ता भी सवार थे। भारतीय क्षेत्र में दाखिल होते ही विमान को अगवा कर लिया गया। पहले विमान को अमृतसर फिर लाहौर के रास्ते अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट ले जाया गया। अपहरणकर्ताओं ने एक विमान यात्री की हत्या भी कर दी थी।

भारत सरकार द्वारा मौलाना मसूद अजहर, उल उमर, हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ कमाडर मुश्ताक जरगर उर्फ लटरम और उमर सईद शेख समेत पाच आतंकियों को रिहा करने के बाद विमान और यात्रियों को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाया जा सका था।

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