जंगल के राजा को उम्र कैद, खुली हवा में नहीं अब ताउम्र पिंजरे में
शेरों के हमले में तीन लोगों की मौत के बाद हुई जांच में इनको जिम्मेदार पाया गया। अब इन्हें ताउम्र पिंजरे में बंद रखा जाएगा।
अहमदाबाद, प्रेट्र। आदमखोर हो चुके गिर अभयारण्य के तीन शेरों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यहां शेरों के हमले में तीन लोगों की मौत के बाद हुई जांच में इनको जिम्मेदार पाया गया। वन में स्वच्छंद विचरण करने वाले इन प्राणियों को अब ताउम्र पिंजरे में बंद रखा जाएगा।
वन अधिकारियों ने जांच के लिए पिछले महीने अमरेली जिले के धारी तालुका के वन क्षेत्र में विचरण करने वाले 17 शेरों को पकड़ा था। हमले वाली जगह से पंजों के निशान का सभी शेरों से मिलान किया गया। इसके बाद उनके मल की जांच की गई। एक शेर के मल में ज्यादा मात्रा में मानव अवशेष पाए गए। वहीं कम उम्र की दो शेरनियों के मल में भी थोड़ी मात्रा में ऐसे अवशेष मिले। इस आधार पर इन तीनों को आदमखोर माना गया। जूनागढ़ वन क्षेत्र के प्रमुख संरक्षक एपी सिंह ने बताया, 'जांच के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि नर शेर मुख्य हमलावर था। उसी ने हमला करके उन लोगों की जान ली। दोनों शेरनियों ने बचा हुआ मानव मांस खाया था। ये हमला करने और मारने में शामिल नहीं थीं।'
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क्या मिलेगी सजा
जांच के बाद दोषी पाए गए शेर को आजीवन जूनागढ़ की बाहरी ओर स्थित सक्करबाग चिडि़याघर में पिंजरे में रखा जाएगा। दोनों शेरनियों को आजीवन वन विभाग के किसी रेस्क्यू सेंटर में बंद रखा जाएगा। बाकी 14 शेरों को अभयारण्य में छोड़ दिया जाएगा। सावधानी के तौर पर इन सब को उस स्थान से काफी दूर अंदरूनी क्षेत्र में छोड़ा जाएगा, जहां से पकड़ा गया था। उल्लेखनीय है कि 523 शेरों वाले गिर अभयारण्य में अब से पहले मानव पर शेरों के हमले की घटना विरला ही सामने आई थी।
क्या था मामला
अप्रैल और मई में अमरेली जिले में शेरों के हमले में तीन लोग मारे गए थे। इनमें एक 14 वर्षीय बच्चा, 50 वर्षीय महिला और 61 वर्षीय वृद्ध शामिल थे। शेरों के लगातार हमलों से स्थानीय लोगों में दहशत के साथ व्यापक रोष था। अमरेली के विधायक दिलीप संघानी समेत कुछ राजनैतिक लोगों ने आदमखोर शेरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद अधिकारियों ने इलाके के शेरों को पकड़ना शुरू किया था।