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किरण बेदी ने कहा, 'भाजपा का चेहरा सिर्फ मोदी'

दिल्ली में भाजपा के 16 वर्ष के सत्ता के वनवास को खत्म करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पार्टी में शामिल की गईं देश की पहली महिला आइपीएस अधिकारी किरण बेदी को पार्टी ने सूबे में अपना चेहरा बनाया है। हालांकि, बेदी का मानना है कि भाजपा में चेहरा तो

By Rajesh NiranjanEdited By: Updated: Tue, 20 Jan 2015 11:11 AM (IST)
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दिल्ली में भाजपा के 16 वर्ष के सत्ता के वनवास को खत्म करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पार्टी में शामिल की गईं देश की पहली महिला आइपीएस अधिकारी किरण बेदी को पार्टी ने सूबे में अपना चेहरा बनाया है। हालांकि, बेदी का मानना है कि भाजपा में चेहरा तो सिर्फ एक ही है और वह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। अपने प्रशासनिक अनुभव, मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होने के नाते चुनावी रणनीति, सहित कई मुद्दों पर बेदी ने हमारे मुख्य संवाददाता संतोष कुमार सिंह से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-

किन परिस्थितियों और किस उम्मीद के साथ आपने भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक सफर शुरू करने का फैसला किया है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व से प्रेरित होकर मैंने भाजपा के साथ जुडऩे का फैसला किया। मैं शोधार्थी हूं और विश्व के बड़े नेताओं पर अध्ययन करती हूं। मोदी के नेतृत्व कौशल का भी अध्ययन कर रही हूं। देश के विकास को लेकर उनकी जो सकारात्मक सोच है, उसे देखकर मुङो लगा कि अब वक्त सिर्फ विकास पर लिखने और पढऩे का नहीं है, कुछ करने का भी है। इसलिए भाजपा के साथ जुड़कर मोदी के सपनों की दिल्ली बनाने के प्रयास में लग गई हूं।

यह काम तो आप अन्ना आंदोलन के अपने साथी अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़कर भी कर सकती थीं। उन्होंने भी पिछले वर्ष आपके सामने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने का प्रस्ताव रखा था?

देखिये, मैं ईश्वर पर बहुत विश्वास करती हूं और मेरा मानना है कि ईश्वर ही आपसे सही अवसर पर सही फैसले कराता है। इसलिए भाजपा में भगवान की कृपा से आई हूं। मैंने कभी भी केजरीवाल के प्रस्ताव का जवाब नहीं दिया था। वहीं, जब भाजपा से प्रस्ताव मिला तो परिवार के साथ विचार-विमर्श कर खुद निर्णय लिया।

आप को दिल्ली में भाजपा ने अपना चेहरा घोषित किया है? इस पर क्या कहेंगी?

मैं पार्टी नेतृत्व को इसके लिए धन्यवाद देती हूं। भाजपा में चेहरा तो सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। उन्हीं का चेहरा चमक रहा है, हम लोग तो उनके आसपास टिमटिमाने वाले तारे हैं।

कहा जा रहा है कि आप को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से दिल्ली भाजपा के कुछ नेता नाराज हैं।

मुझे नहीं लगता कि मुझे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से प्रदेश के भाजपा नेताओं में नाराजगी है। सभी का एकमात्र लक्ष्य है दिल्ली में भाजपा को विजयी बनाना। इसके लिए हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं।

चाय पार्टी में आपने केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का इंतजार नहीं किया और कई सांसद इसमें शामिल नहीं हुए। इसे आपसी मतभेद से जोड़ा जा रहा है?

ऐसा बिल्कुल नहीं है। डॉ. हर्षवर्धन किसी कारणवश विलंब हो गए थे और मुझे पन्ना प्रमुखों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय जाना था। इसलिए मैं उनके आने से कुछ देर पहले वहां के लिए निकल गई थी। इसलिए इसका कोई और अर्थ नहीं निकालना चाहिए।

माना जा रहा है कि झुग्गी बस्ती में रहने वाले मतदाता अभी भी अरविंद केजरीवाल के साथ हैं। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी तो उन्हें पुलिस परेशान नहीं करती थी और भ्रष्टाचार में भी कमी आई थी?

डर दिखाकर नहीं, व्यवस्था में सुधार लाकर समस्या का स्थायी समाधान संभव है, पिछली सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मैं गरीबों की परेशानी समझती हूं, यातायात पुलिस में रहते हुए भी मैंने इस पर काम किया था। वर्षों से झुग्गी बस्ती में बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल चलाती हूं। भाजपा सता में आई तो गरीबों को कोई तंग नहीं कर सकेगा। प्रधानमंत्री ने भी 'जहां झुग्गी-वहीं मकान' बनाने की घोषणा की है। मैं भी उन्हें आश्वस्त कर रही हूं कि किसी भी गरीब को बेघर नहीं किया जाएगा। उनकी किरण दीदी का दिल गरीबों के लिए धड़कता है।

महिला सुरक्षा एक गंभीर विषय है। दिल्ली में महिलाएं खुद को सुरक्षित नहीं समझती हैं?

मैं महिला हूं और 40 वर्षों तक पुलिस सेवा में रही हूं। इसलिए महिला सुरक्षा की समस्या को बेहतर तरीके से समझती हूं। इसके लिए 6पी (जनता यानी समाज, राजनीतिज्ञ, पुलिस, अदालत, जेल और प्रेस) तथा सिविल डिफेंस को मिलकर काम करने की जरूरत है। अभिभावक अपने लड़कों को समझदार व जिम्मेदार तथा लड़कियों को बहादुर बनाएं और दोनों समान विकास का अवसर दें। इसमें पुलिस को भी जनता के साथ मिलकर काम करना होगा तथा फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर जल्द फैसले लेने होंगे। इसी तरह से जेल में अपराधियों को सुधारने पर काम किया जाना चाहिए क्योंकि इन्हें फिर से समाज में वापस जाना है। दिल्ली को पूरी तरह से अपराध मुक्त बनाना जरूरी है। इसके लिए पुलिस, सिविल डिफेंस तथा निजी सुरक्षा एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। सिविल डिफेंस और होमगार्ड को फिर से प्रशिक्षण देकर तैनात किया जाएगा। दिल्ली के बाहरी इलाके में वहां के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से इन्हें तैनात करना लाभदायक होगा। इस तरह से लोकल कम्युनिटी पुलिसिंग से अपराध रोका जा सकता है। उपराज्यपाल कार्यालय तथा दिल्ली पुलिस के बीच तालमेल बनाना भी जरूरी है जो कि अभी नहीं है। उपराज्यपाल की विशेष सचिव रहते हुए मैंने इस पर काम भी किया था।

कहा जा रहा है कि आप अन्ना हजारे से विचार-विमर्श किए बगैर भाजपा में शामिल हुई हैं?

पिछले कई माह से मैं अन्ना से संपर्क करने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन उनसे बात नहीं हो पा रही है। मैं अपने आप को राष्ट्र सेवा को समर्पित करने के लिए भाजपा में शामिल हुई हूं, ऐसे में वह निश्चित रूप से मुङो अपना आशीर्वाद देंगे।

आप पुलिस अधिकारी रही हैं, राजनीति के दांव-पेंच का सामना कैसे करेंगी?

यह नहीं भूलिए कि ब्यूरोक्रेट को प्रशासन की सभी कुंडी मालूम होती हैं। इसके अलावा पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं का पूरा सहयोग मुझे मिल रहा है।


आम आदमी छोटे-छोटे काम के लिए भी परेशान रहता है और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाता है, लेकिन समस्या हल नहीं होती है। इसके लिए आपके पास क्या योजना है?

एक शिकायत केंद्र बनाया जाएगा जो कॉल सेंटर की तरह काम करेगा। इसके लिए टेलीफोन नंबर भी जारी किया जाएगा, जिस पर शिकायत की जा सकेगी और वहां से यह संबंधित विभाग को मिलेगी। लोगों की समस्या दूर हो इस पर भी पूरी निगरानी रहेगी।

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