जानें कोरोना वायरस के इलाज को लेकर फैल रही कैसी-कैसी भ्रांतियां और क्या है इनका सच
कोरोना वायरस के इलाज को लेकर जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं उनसे बचने की जरूरत है। इनको लेकर डब्ल्यूएचओ ने हर चीज बेहद साफ कर दी है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 06 Mar 2020 06:05 PM (IST)
नई दिल्ली। कोरोना वायरस जिस तेजी से पूरी दुनिया में पांव पसार रहा है उसी तेजी के साथ इसको लेकर तरह -तरह की भ्रांतियां फैल रही हैं। लोग व्हाट्सएप से लेकर सोशल मीडिया पर न कई तरह की बातें कर रहे हैं। इनमें से कई मैसेज में इस वायरस से बचने के लिए तरह तरह के उपाय करने को कहा जा रहा है। कोई कह रहा है लहसुन खाओ तो ये वायरस नहीं होगा तो कोई कह रहा है कि प्याज पास में रखो तो इससे बच जाओगे।लेकिन, हम आज आपको इनकी सच्चाई बताएंगे। ये वो सच्चाई है जिसका जिक्र विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया हुआ है।
डब्ल्यूएचओ ने साफतौर पर कहा है कि इससे बचाव का तरीका फिलहाल सावधानी ही है। इस वायरस के अटैक से सावधान रहें। अपने हाथों को दिन में कई बार साबुन से साफ करें। हाथ मिलाने से परहेज करें। यदि छींक या खांसी आए तो मुंह पर कपड़ा रख लें। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये वायरस इंसान के जरिए एक दूसरे में फैलता है। लिहाजा संक्रमण से बचाव के लिए ये करना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बच्चों बुजुर्गों को खतरा सबसे ज्यादा। मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर भी चपेट में आ सकते हैं क्योंकि वह पीड़ित के संपर्क में रहते हैं।
एंटीबायोटिक दवा कितनी कारगर
जो लोग इसको लेकर एंटीबायोटिक दवा खाने की सलाह दे रहे हों तो उन्हें बता दें कि ये दवाएं बैक्टीरिया से बचाव के लिए दी जाती हैं ताकि इनसे होने वाले इस इंफेक्शन से बचा जा सके। लिहाजा ये दवाएं इस वायरस के इलाज में कारगर नहीं है।एन95 मास्क है बेहतर
इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मुंह पर कोई भी कपड़ा या मास्क लगाना कारगर सौदा नहीं है। इसके लिए एन95 मास्क बेहतर है। हालांकि डब्ल्यूएचओ ने बेहद साफ शब्दों में कहा है कि यदि आप स्वस्थ हैं तो आपको किसी भी किस्म का मास्क मुंह पर लगाने की जरूरत नहीं है। लेकिन, यदि आप भीड़-भाड़ वाले इलाके में या फिर किसी संक्रमित व्यक्ति के आस-पास हैं जो जरूर मास्क का उपयोग करें।
सेनिटाइजर कितना कारगर कोरोना का प्रकोप बढ़ने पर सेनिटाइजर का भी इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। लेकिन यदि आपको इस वायरस की चपेट में आने से बचना है तो आपके सेनिटाइजर में एल्कोहल की मात्रा का 60 फीसद होना जरूरी है। इसके अलावा साबुन से हाथ धोना सबसे बेहतर विकल्प है। कौन सा टेस्ट होगा कराना यदि आपको ऐसा लगता है कि आप इससे संक्रमित हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इसके होने की पुष्टि के लिए पॉलीमर चेन रिएक्शन टेस्ट (पीसीआर) कराया जाता है। पुष्टि होने पर इसका सैंपल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलाजी भेजा जाता है।