जानिए, क्या है मुरथल कांड और मीडिया ने कैसे खोली सरकार के दावों की पोल?
जाट आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों ने महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाया था। इस मामले में तीन महिलाएं शिकायत दर्ज करा चुकी हैं।
जेएनएन, नई दिल्ली। जाट आरक्षण की मांग को लेकर पिछले दिनों हरियाणा में हुए आंदोलन के दौरान महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी किया गया था। तीन महिलाओं ने पुलिस को पत्र लिखकर जाट आंदोलन के दौरान उनके साथ दुष्कर्म किए जाने की शिकायत दर्ज कराई है। सबसे पहले सोशल मीडिया पर इस बात का खुलासा हुआ था कि रोहतक के मुरथल इलाके में कुछ आंदोलनकारियों ने महिलाओं के साथ रेप किया था। मीडिया ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया था कि मुरथल में महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं घटित हुई थी। लेकिन अब तीन महिलाओं ने आंदोलन के दौरान उनके साथ दुष्कर्म होने की शिकायत दर्ज कराई है।
जानें, क्या है मुरथल कांड
सबसे पहले मीडिया ने इस बात का खुलासा किया था कि 22 फरवरी को रोहतक के मुरथल में गैंगरेप महिलाओं के साथ गैंगरेप की घटनाएं घटी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि करीब 40 लोगों ने 10 महिलाओं का यौन शोषण किया। मीडिया ने वहां मौजूद कई चश्मदीदों का भी बयान सामने रखा जिन्होंने महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को सही बताया।
मीडिया रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने इस मामले पर स्वत संज्ञान लेते हुए सरकार से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा लेकिन सरकार ने कोर्ट में दिए अपने बयान में जाट आंदोलन के दौरान रेप या गैंगरेप जैसी किसी भी घटना की संभावना से इंकार कर दिया था।
इसी बीच खबर आ रही है कि तीन महिलाओं ने जाट आंदोलन के दौरान उनके साथ दुष्कर्म होने की शिकायत दर्ज कराई थी। उधर, हरियाणा सरकार ने भी सोमवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दिए अपने बयान में जाट आंदोलन के दौरान दुष्कर्म की संभावना जताई थी। पुलिस ने भी महिलाओं के शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक दो महिलाओं ने पुलिस को पत्र लिखकर दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई है। वहीं एक महिला ने पुलिस को एक ऑडियो टेप भेजा है जिसमें वो आंदोलन के दौरान उसके साथ दुष्कर्म होने की घटना बता रही हैं।
बताया जा रहा है कि पत्र लिखने वाली एक महिला एनआरआई है जो ऑस्ट्रेलिया से आई थी और दूसरा पत्र लिखने वाली महिला एक छात्रा है।
जानकारी के मुताबिक एनआरआई महिला ने सोशल मीडिया पर भी बताया है कि 21 फरवरी को एनएच-1 से गुजरने के दौरान कुछ लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया था।
पुलिस ने तीनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है और अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 4 मई को करेगी।
आपको बता दें कि जाट आंदोलन के दौरान करीब 30 लोग मारे गए थे और 10 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ था।
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