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जानें, वो राज जो हमेशा के लिए हो जाते हैं दफन

लोग अक्सर ये कहते हैं वो एक खुली किताब की तरह हैं। लेकिन सच ये नहीं है, हर शख्स कुछ न कुछ बातें अपने दिल में हमेशा दफन किये रहता है।

By Lalit RaiEdited By: Updated: Wed, 31 May 2017 09:18 AM (IST)
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जानें, वो राज जो हमेशा के लिए हो जाते हैं दफन

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] । इशारों को अगर समझो तो राज को राज रहने दो, जनाब राज को राज रखने के लिए किसी इशारे की जरूरत नहीं है। हर शख्स अपनी जिंदगी के कुछ लमहों को या कुछ यादों को हमेशा राज बनाकर रखता है। जी हां, हर आदमी के अपने राज होते हैं। कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें वो पूरे जीवन में किसी से साझा नहीं करता है। अपने सबसे अजीज को भी वो ये राज नहीं बताता है। समाज की इस मान्यता पर अब विज्ञान की भी मुहर लग चुकी है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया का शोध बताता है कि एक आम आदमी के पूरे जीवनकाल में कम से कम तेरह राज जरूर होते हैं। यह शोध जर्नल ऑफ पर्सनालिटी एंड सोशल साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

 'राज' का विज्ञान

- हर शख्स के दिल में करीब 13 राज छिपे होते हैं।

- पांच ऐसे राज होते हैं जो वो किसी भी शख्स से साझा नहीं कर पाता है।

- इन नतीजों को पाने के लिए करीब 10 अध्ययन किये गए

- 13 हजार राज पर अध्ययन किया गया।

हमेशा दफन रहने वाले राज

अनैतिक यौन इच्छाओं से जुड़े राज ज्यादातर लोग किसी से साझा नहीं करते हैं। साथ ही इसमें किसी व्यक्ति का यौन व्यवहार और झूठ भी शामिल होते हैं।वैज्ञानिकों का कहना है कि जब लोग अपने राज के बारे में सोचते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है कि उन पर कोई बोझ हो।

 'राज' के बारे में सामान्य लोगों की राय

महेश कुमार (बदला हुआ नाम) ने बताया कि जानें अनजानें में हर शख्स से कुछ न कुछ गल्तियां होती हैं। गल्तियों के बाद शख्स को अहसास भी होता है। लेकिन रिश्तों को टूटने की डर से वो बहुत कुछ छिपाने की कोशिश करता है। 

शिल्पी ( बदला हुआ नाम) ने बताया कि ये सच है कि जीवन में बहुत सी घटनाएं होती हैं, जिसे चाहकर भी हम अपने अजीज को भी नहीं बता सकते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि जिस विश्वास के साथ हम अपनी बात कहें सामने वाला शख्स उस काल और परिस्थिति को समझ सके। जगहंसाई और रिश्तों को बचाने के लिए राज दिल और दिमाग में हमेशा के लिए दफन हो जाते हैं। 

डॉक्टर का क्या है कहना

Jagran.com से खास बातचीत में डॉक्टर परनीता गौर ने कहा कि राज न बताने के पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि एक सामान्य सी धारणा बनती है कि लोग क्या सोचेंगे या कहेंगे। उन्होंने बताया कि राज को राज रहने के पीछे सकारात्मक और नकारात्मक दोनों वजह है। कभी कभी ऐसा होता है कि आम तौर पर लोगों को लगता है कि जो कुछ विशेष काम वो कर रहे होते हैं दूसरों को बताने पर वो सार्वजनिक हो जाएगी और वो अपनी जिंदगी की रेस में पीछे जा सकते हैं। सामान्य तौर पर छात्र जीवन में छात्र अपने पढ़ाई के घंटों और तरीकों को प्रतिस्पर्धा की वजह से शेयर नहीं करना चाहते हैं।

यौन संबधों को छिपाने पर डॉक्टर परनीता गौर ने बताया कि भारत में खासतौर से अभी सामाजिक स्वीकृत नहीं लिहाजा लोग इस तरह के संबंधों को छुपाते हैं। इसके अलावा रिश्तों के टूटने की डर से लोग इस तरह के संबंधों को बताने से परहेज करते हैं।  

मुश्किलें आती हैं पेश

पहले के अध्ययनों में पाया गया है कि जब लोग अपने राज के बारे में सोचना शुरू करते हैं तो उन्हें कम दूरी भी अधिक लगने लगती है। खाई और गहरी लगती है। और तो और उन्हें कोई भी काम मुश्किल लगने लगता है। इसके अलावा शख्स अवसाद का शिकार हो जाता है। जीवन को सामान्य रफ्तार पर आगे बढ़ा पाना भी मुश्किल हो जाता है। 
 

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